मीडिया और सोशल मीडिया आपस में टकरा रहे हैं. 18 फरवरी से सोशल मीडिया पर कुछ चैनलों को बैन करवाने की मुहिम छेड़ दी गई है. कुछ खास न्यूज चैनलों के खिलाफ चली इस मुहिम के लिए #हैशटैग का प्रयोग जोर-शोर से किया जा रहा है. सोशल मीडिया का एक तबका इन चैनलों को फेक न्यूज से जनता को गुमराह करने का जिम्मेदार बताकर उन्हें सबक सिखाने के लिए दूसरे यूजर्स से इस टैग का प्रयोग कर उनका बहिष्कार करने का अभियान चला रहा है. यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है तथा इस अभियान के शिकार न्यूज चैनलों के फेसबुक लाइक्स तेजी से घट रहे हैं.
गौरतलब है कि एक चर्चित न्यूज चैनल के कुछ रिपोर्टरों के किसी पॉलिटिकल पार्टी में शामिल होने की खबर आई. इससे पूर्व भी न्यूज चैनलों के मशहूर चेहरे खास राजनैतिक दलों में शामिल हो चुके हैं. इसीलिए सोशल मीडिया पर इन न्यूज चैनलों के खिलाफ यह ‘हैश टैग’ अभियान चलाने वाले इसे फ़ेक जर्नलिज्म बता रहे हैं. इसके अलावा यह यूजर 2014 के लोकसभा चुनाव में किसी खास राजनैतिक दल का वोट कट करने की इन चैनलों की साजिश बताकर इनके खिलाफ इस तरह की सोशल मीडिया कैम्पेनिंग कर रहे हैं.
एक तरफ जहां चैनल के ये विरोधी मीडिया के पेड न्यूज से जनता को बचाने के लिए अभियान में शामिल होने और इन चैनलों को बंद कराने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया ही मीडिया की आजादी पर रोक लगाने वाली स्थिति में पहुंच गई है.
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