कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इन दिनों सपरिवार भारत यात्रा पर हैं। सात दिवसीय यात्रा पर भारत आए ट्रूडो ताजमहल का दीदार करने के साथ गुजरात का भी भ्रमण कर चुके हैं। उधर, ट्रूडो जब गुजरात दौरे पर गए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके साथ वहां नहीं थे। इसके अलावा उनके भारत पहुंचने पर एयरपोर्ट पर अगवानी के लिए भी पीएम मोदी नहीं थे। इन बातों को कनाडा की मीडिया ने मुद्दा बना दिया। केंद्र सरकार द्वारा ट्रूडो का अपमान करने की खबरें आने लगीं। कनाडा में ऐसी आशंकाएं जताई जाने लगीं कि वहां सिख चरमपंथ बढ़ने के कारण ट्रूडो को अपमानित करने के लिए ऐसा किया गया। हालांकि ऐसा नहीं है, केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट की है और बताया है कि ऐसा होने के पीछे की असल वजह क्या है।
ट्रूडो के प्रोटोकॉल का पूरा पालन
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत द्वारा उचित सम्मान न दिए जाने की खबरों को केंद्र सरकार ने निराधार बताया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने कहा है कि ट्रूडो के प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया गया। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए ट्रूडो की अगवानी एक राज्यमंत्री ने की थी। यहां समझने की जरूरत है कि पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी रिसीव करने एयरपोर्ट नहीं गए थे। पीएम मोदी का किसी मेहमान को रिसीव करने या छोड़ने एयरपोर्ट जाना एक खास जेस्चर था और यह केवल कुछ मेहमानों तक ही सीमित रहा है। पीएम मोदी ने अब तक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, जापान के पीएम शिंजो आबे, अबु धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नहयान, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को एयरपोर्ट पर रिसीव किया है।
शुक्रवार को दिल्ली में होगा आधिकारिक स्वागत
खबरों की मानें, तो सरकारी सूत्रों का कहना है कि ट्रूडो जब शनिवार को दिल्ली पहुंचे थे, तो उसके अगले दिन उन्होंने ताजमहल के दीदार की योजना बनाई। इसके अगले दिन वे अहमदाबाद और मुंबई के लिए रवाना हुए। बुधवार को अमृतसर का दौरा करेंगे। इसके बाद शुक्रवार को वे दिल्ली आएंगे, जहां उनका आधिकारिक स्वागत होगा और फिर पीएम मोदी के साथ बैठक करेंगे। भारत का भ्रमण कर रहे ट्रूडो को सलाह दी गई थी कि वे अन्य जगह जाने के पहले दिल्ली आएं, लेकिन ट्रूडो और उनके अधिकारियों ने खुद ही अहमदाबाद जाने का प्लान किया था। पीएम मोदी ने ट्रूडो के साथ अहमदाबाद जाने की सहमति भी नहीं दी थी। बता दें कि कनाडा की मीडिया में इस बात को प्रमुखता से उठाया जा रहा है कि कैसे पीएम मोदी जिनपिंग, आबे और नेतन्याहू की यात्रा के दौरान खुद अहमदाबाद गए थे।
क्या बताई जा रही वजह
बता दें कि एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन करने वाले देशों में कनाडा शामिल है…Next
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