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राजनीति के इन धुरंधरों ने 2018 में दुनिया को कहा अलविदा, पीछे छूट गए यादगार किस्से

हर साल अच्छे-बुरे लम्हों दोनों को समेटे हुए रहता है। आप अपनी जिंदगी में झांककर देखेंग़े, तो आपको 2018 में कई लम्हें दिखाई देंग़े, जो गम या खुशी से भरे होंगे यानि मिला-जुला साल। राजनीति के गलियारों की बात करें, तो तीन राज्यों में कांग्रेस की वापसी के अलावा कई किस्से ऐसे रहे, तो इस साल में दर्ज हो गए। वहीं ऐसे गमगीन लम्हें भी रहे, जब राजनीति के धुंरधरों ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आइए, एक नजर डालते हैं राजनीति के कौन से सितारे हमारे बीच से चले गए।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal31 Dec, 2018

 

अटल बिहारी वाजपेयी

 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 2004 में प्रधानमंत्री पद से हटने के कुछ सालों के अंदर ही वाजपेयी की सेहत जो बिगड़नी शुरू हुई तो बिगड़ती ही चली गई। तकरीबन एक दशक तक इस हालत में रहने के बाद वाजपेयी का निधन 16 अगस्त, 2018 को नई दिल्ली में हुआ।

 

एम करूणानिधि

 

 

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सर्वेसर्वा और पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि का निधन सात अगस्त, 2018 को चेन्नई में हुआ। वे भी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। 2016 में एआईएडीएमके की जे जयललिता का निधन हुआ था।

 

नारायण दत्त तिवारी

 

 

एक दौर ऐसा था जब नारायण दत्त तिवारी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जाता था। इस पद तक तो वे नहीं पहुंचे लेकिन वे अकेले ऐसे व्यक्ति रहे जिनके नाम दो प्रदेशों का मुख्यमंत्री बनने का गौरव है। वे तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और एक बार उत्तराखंड के। नारायण दत्त तिवारी का निधन 93 साल की उम्र में 18 अक्टूबर को ही दिल्ली में हुआ।

 

सोमनाथ चटर्जी

 

 

वामपंथी राजनीति के धुरी और सबसे मुखर चेहरे रहे सोमनाथ चटर्जी 2009 में लोकसभा स्पीकर पद से हटने के बाद राजनीतिक तौर पर एकाकी जीवन ही जीते रहे। सक्रिय राजनीति में उनकी वापसी नहीं हो पाई। 13 अगस्त, 2018 को कोलकाता के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया।

 

अनंत कुमार

 

अनंत कुमार का निधन 12 नवंबर, 2018 को हुआ। यह खबर काफी चौंकाने वाली रही, क्योंकि यह बताया गया कि कैंसर की वजह से उनका निधन हुआ। अनंत कुमार जब गए तो उस वक्त वे केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे…Next

 

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