Menu
blogid : 321 postid : 1383588

कभी राइस मिल में करते थे नौकरी, अब तीसरी बार सीएम की रेस में येदियुरप्पा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू में रैली संबोधित करते हुए आगामी चुनाव में भाजपा की ओर से कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के उम्‍मीदवार के रूप में येदियुरप्पा के नाम का एलान किया। येदियुरप्‍पा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और फिलहाल कर्नाटक की शिमोगा सीट से सांसद हैं। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि कर्नाटक की सत्ता के शिखर तक का सफर तय कर चुके येदियुरप्पाू कभी क्लर्क हुआ करते थे। उन्‍होंने राइस मिल तक में काम किया है। आइये आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े ऐसे ही दिलचस्‍प पहलुओं के बारे में।


BS Yeddy


1943 में हुआ जन्‍म

बूकानाकेरे में हुआ। उनके पिता का नाम सिद्धलिंगप्पा और माता का नाम पुट्टतायम्मा था। येदियुरप्पा हिंदू धर्म के लिंगायत समुदाय के हैं। कर्नाटक के तुमकुर जिले में येदियुर स्थान पर संत सिद्धलिंगेश्वर द्वारा बनाए गए शैव मंदिर के नाम पर उनका नाम रखा गया है। जब येदियुरप्पा चार साल के थे तभी इनकी मां का देहांत हो गया था।


राइस मिल में नौकरी

1965 में वे समाज कल्याण विभाग में फर्स्‍ट डिवीजन क्लर्क के पद पर चुने गए। मगर उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और शिकारीपुर चले गए, जहां वीरभद्र शास्त्री राइस मिल में क्लर्क की नौकरी कर ली। 1967 में उन्होंने वीरभद्र शास्त्री की पुत्री मैत्रादेवी से शादी कर ली। बाद के दिनों में उन्होंने शिमोगा में हार्डवेयर की दुकान खोली। येदियुरप्पा के दो बेटे बी वाई राघवेंद्र व विजयेंद्र और तीन बेटियां अरुणादेवी, पद्मावती व उमादेवी हैं। राघवेंद्र शिकारीपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2004 में एक दुर्घटना में येदियुरप्‍पा की पत्नी का देहांत हो गया।


1970 में आरएसएस से जुड़े

1970 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। 1970 में संघ की शिकारीपुर यूनिट के कार्यवाह (सचिव) के रूप में नियुक्त हुए। 1972 में येदियुरप्‍पा को शिकारीपुरा टाउन नगर पालिका के लिए चुना गया और जनसंघ के तालुक इकाई का अध्यक्ष भी बनाया गया। 1975 में शिकरापुरा के टाउन नगर पालिका का अध्यक्ष चुना गया। आपातकाल के दौरान बेल्लारी और शिमोगा की जेल में बंद भी रहे।


नेता प्रतिपक्ष चुने गए

भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1985 में भाजपा के शिमोगा जिला इकाई का अध्यक्ष बनाया गया। 1988 में वे कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बने। 1983 में पहली बार कर्नाटक विधान मंडल के निचले सदन के लिए चुने गए और उसके बाद से शिकारापुरा निर्वाचन क्षेत्र का छह बार प्रतिनिधित्व किया। 1994 के विधानसभा चुनावों के बाद वे कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता बने। 1999 में वे चुनाव हार गए, जिसके बाद कर्नाटक की विधान परिषद (ऊपरी सदन) सदस्य के लिए भाजपा ने नामित किया।


दो बार मुख्‍यमंत्री, इस्‍तीफा और भाजपा से दूर

12 नवंबर 2007 को वे कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बने, लेकिन 19 नवंबर 2007 तक ही इस पद पर रहे। जेडी (एस) के समर्थन वापस लेने के कारण उनकी सरकार गिर गई और 19 नवंबर 2007 को येदियुरप्‍पा को इस्‍तीफा देना पड़ा। 2008 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद 31 मई 2008 को येदियुरप्‍पा दोबारा कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बने। भ्रष्‍टाचार के आरोप की वजह से 2011 में मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा देना पड़ा। साथ ही भाजपा की प्राथमिक सदस्‍यता से भी इस्‍तीफा दे दिया।


2014 में भाजपा में वापसी और तीसरी बार सीएम की रेस में

2012 में कर्नाटक जनता पक्ष पार्टी लॉन्‍च की। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले उन्‍होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया और दोबारा भाजपा में शामिल हो गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में येदियुरप्‍पा ने कर्नाटक की शिमोगा सीट से 3,63,305 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। प्रधानमंत्री की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम की घोषणा के बाद वे तीसरी बार सीएम की रेस में शामिल हो गए हैं। येदियुरप्‍पा किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं…Next


Read More:

तौलिया से लहंगा तक, बॉलीवुड सितारों की ऐसी 5 चीजों की लाखों-करोड़ों में लगी बोली
IPL में इन 5 खिलाड़ियों ने जड़े हैं सबसे ज्‍यादा शतक, नंबर 1 पर इनका कब्‍जा
साउथ अफ्रीका में चहल ने रचा इतिहास, 5 विकेट लेकर बनाए दो खास रिकॉर्ड

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh