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जेपी नड्डा भाजपा के नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बने, छात्र राजनीति से शिखर पर पहुंचने के बीच कड़ा संघर्ष

दिल्‍ली विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी मोहरें सही ठिकाने पर बिठाने में जुटी हुई हैं। फरवरी में होने वाले दिल्‍ली विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण हैं। इसलिए पार्टी ने भी मजबूत रणनीति बनाई है। भाजपा ने संगठन को और मजबूती देने और दिल्‍ली में जीत हासिल करने के इरादे से शीर्ष नेतृत्‍व में बड़ा बदलाव किया है। हालांकि, यह पहले से ही प्रस्‍तावित था।

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan20 Jan, 2020

 

 

 

 

 

गृहमंत्री अमित शाह ने थमाई बागडोर
भाजपा शीर्ष नेतृत्‍व ने कद्दावर नेता जय प्रकाश नड्डा को भाजपा का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नियुक्‍त कर दिया है। पिछले कई महीनों से जेपी नड्डा कार्यकारी अध्‍यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे। सोमवार को पार्टी मुख्‍यालय पर गृहमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने अपनी जगह जेपी नड्डा को यह पद सौंप दिया। उन्‍होंने नए अध्‍यक्ष को गुलदस्‍ता भेंट किया और उन्‍हें लड्डू खिलाकर कुर्सी पर बैठाया।

 

 

 

 

 

पटना में जन्‍में और हिमाचल में बड़े हुए
भाजपा के शीर्ष नेताओं में शुमार जेपी नड्डा का जन्‍म 2 दिसंबर 1960 को पटना में हुआ था। मूलरूप से उनका परिवार हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है। जेपी नड्डा शुरुआत से ही लीडरशिप क्षमताओं से लैस थे। 16 वर्ष की उम्र में ही वह छात्र आंदोलनों का हिस्‍सा बनने लगे। 1977 में पटना विश्‍वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में वह पहली बार सचिव चुने गए। इसके बाद वह विद्यार्थी परिषद के प्रमुख प्रचारकों में शामिल हुए।

 

 

 

 

 

एबीवीपी से राजनीतिक शुरुआत
1982 में जेपी नड्डा को एबीवीपी का प्रचारक बनाकर हिमाचल प्रदेश भेजा गया। इस दौरान जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विश्‍वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही नड्डा 1983 में हिमाचल विश्‍वविद्यालय के केंद्रीय छात्रसंघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद के अध्‍यक्ष चुने गए। इसके बाद 1989 तक वह राष्‍ट्रीय महासचिव भी बनाए गए। छात्र राजनीति का प्रमुख चेहरा बन चुके जेपी नड्डा ने केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया और 45 दिन तक जेल में रहे।

 

 

 

 

 

1993 में पहली बार विधायक बने
छात्र राजनीति से मुख्‍य राजनीति में आए जेपी नड्डा लगातार सफलता की सीढि़यां चढ़ते गए और 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्‍हें भाजपा के युवा मोर्चा का चुनाव प्रभारी नियुक्‍त किया गया। दो साल बाद ही उन्‍हें भाजपा युवा मोर्चा का अध्‍यक्ष भी बना दिया गया। इस दौरान जेपी नड्डा ने युवाओं भाजपा से बड़े स्‍तर पर जोड़ने का काम किया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्‍हें टिकट मिला और 1993 में वह पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने।

 

 

 

 

 

2019 में कार्यकारी और 2020 में राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बने
जेपी नड्डा 1998 के चुनाव में दोबारा हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्‍य बने और भाजपा सरकार में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री नियुक्‍त किए गए। 2007 में वह वन पर्यावरण एवं संसदीय मामलों के मंत्री रहे। इसके बाद 2011 में भाजपा शीर्ष नेतृत्‍व ने जेपी को दिल्‍ली बुला लिया और यहां उन्‍हें पार्टी का राष्‍ट्रीय महासचिव बना दिया। 2014 में वह भाजपा शासित केंद्र सरकार में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बने। 2019 में जेपी नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाया गया और अब 2020 में उन्‍हें राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया है।…NEXT

 

 

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