उमर अब्दुल्लाह का जीवन परिचय
10 मार्च, 1970 को ब्रिटेन में जन्में उमर अब्दुल्लाह, कश्मीर के ग्यारहवें मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ कश्मीर के प्रथम-परिवार के वंशज भी हैं. इन्हें जम्मू-कश्मीर के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होने का भी सम्मान प्राप्त है. उमर अब्दुलाह के पिता फारुक अब्दुल्लाह और दादा शेख अब्दुल्लाह दोनों ही जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इनकी मां मोली, कैथोलिक धर्म को मानने वाली ब्रिटिश महिला थीं. उमर अब्दुल्लाह की प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल में ही संपन्न हुई. स्नातक की उपाधि इन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित साइडनहैम कॉलेज से प्राप्त की. स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए उमर अब्दुल्लाह ने स्ट्राचक्लाइड यूनिवर्सिटी, स्कॉटलैंड गए. लेकिन वह इस परीक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर पाए. वर्ष 1994 में उमर अब्दुल्लाह ने आर्मी अफसर की बेटी पायल नाथ से विवाह कर लिया. इनके दो बेटे ज़मीर और ज़हीर हैं. उमर अब्दुल्लाह की बहन सारा का विवाह, प्रतिष्ठित जाट नेता राजेश पायलट के बेटे और अजमेर सीट के वर्तमान सांसद सचिन पायलट के साथ संपन्न हुआ.
उमर अब्दुल्लाह का व्यक्तित्व
कैथोलिक धर्म को मानने वाली माता और मुसलमान पिता की संतान उमर अब्दुल्लाह प्रगतिवादी सोच रखने वाले व्यक्ति हैं. वह कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. उमर अब्दुल्लाह गंभीर मुद्दों खासतौर पर उनके प्रदेश कश्मीर से जुड़े मसलों को लेकर सचेत रहने वाले मुख्यमंत्री हैं.
उमर अब्दुल्लाह का राजनीतिक जीवन
पेशे से नर्स, उमर अब्दुल्लाह की मां उनके राजनीति में आने के सख्त खिलाफ थीं. लेकिन पिता और पार्टी के बाकी नेताओं के जोर देने के बाद वर्ष 1998 में उमर अब्दुल्लाह का राजनीति में आगमन हुआ. 29 वर्ष की उम्र में मंत्री बनने वाले वह जम्मू-कश्मीर के प्रथम नेता थे. वर्ष 1998-1999 के बीच वह परिवहन और पर्यटन समिति के साथ ही पर्यटन सलाहकार समिति के भी सदस्य रहे. वर्ष 1999 में उमर अब्दुल्लाह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए लोकसभा में चुने गए. उन्होंने केन्द्रीय राज्य मंत्री और वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. उमर अब्दुल्लाह सबसे कम उम्र में राज्य के विदेश मामलों के मंत्री बनने वाले भी पहले व्यक्ति थे. लेकिन वर्ष 2002 में पार्टी के कामों पर ध्यान देने के लिए उन्होने इस पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था. जून 2002 में पिता फारुक अब्दुल्लाह का स्थान लेते हुए वह नेशनल कांफ्रेस पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए. इसी वर्ष हुए कश्मीर विधानसभा चुनावों में उमर अब्दुल्लाह गांदरबल सीट से हार गए. वर्ष 2006 में उमर अब्दुल्लाह दूसरी बार नेशनल कांफ्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए. वर्ष 2008 में कश्मीर चुनावों में उमर अब्दुल्लाह की पार्टी नेशनल कांफ्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ और उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार का निर्माण किया.
उमर अब्दुल्लाह की उपलब्धियां
आजादी के बाद से ही जम्मू-कश्मीर उग्रवाद और हिंसा के दौर से गुजर रहा है. उमर अब्दुल्लाह जैसे युवा मुख्यमंत्री मिलने के बाद कश्मीर के लोग अपने प्रगति और प्रदेश में शांति बहाली को लेकर जागरुक हुए हैं. उमर अब्दुल्लाह की उपलब्धियों को निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता हैं:
उमर अब्दुल्लाह के साथ जुड़े विवाद
उमर अब्दुल्लाह नई पीढ़ी और नई सोच वाले नेता हैं. उनके मुख्यमंत्री बनने से बरसों से उग्रवाद को झेलते आ रहे कश्मीरी लोगों में हिंसा समाप्त होने की उम्मीद जागी है. उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों से कश्मीर में शांति स्थापित होने की संभावनाओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता. तकनीक प्रेमी राजनेता के रूप में, उमर अब्दुल्ला राजनीति, खेल और इंटरनेट में भी रुचि रखते हैं. अपने सहयोगियों और विपक्षी दलों के नेताओं पर गुस्सा उतारने के लिए वे इंटरनेट का ही सहारा लेते हैं.
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