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बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे कन्‍हैया कुमार, चार जेएनयू एल्‍यूमिनाई जिन्‍होंने 2014 में जीता लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में लगी हुईं हैं। वोट पाने के लिए हर पार्टी रणनीतियां बनाने में लगी हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक और खबर आ रही है। भारतीय कम्युिनिष्ट पार्टी (भाकपा) जवाहरलाल नेहरू विवि (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कन्हैया कुमार को बेगूसराय से उम्मीदवार बनाएगी। कन्हैया के पक्ष में चुनाव प्रचार करने प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर और उनकी पत्नी अभिनेत्री शबाना आजमी आएंगी।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal8 Oct, 2018

 

 

रैली के लिए बिहार पहुंचे कन्हैया
22 से 24 अक्टूबर तक पटना जिले में रोड शो करेंगे। इससे पहले 9 अक्टूबर को मोतीहारी, 11 अक्टूबर को बेगूसराय, 12 अक्टूबर को मधेपुरा, 13 अक्टूबर को खगडिय़ा, 14 अक्टूबर को रोहतास में रोड शो व सभा करेंगे। कन्हैया जेएनयू से निकलने वाला पहला नाम नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई नाम रहे हैं, जो जेएनयू एल्यूामिनाई रहे हैं और जिन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव जीता है।

 

हरीश चंद्र मीना (बीजेपी)

 

राजस्थान के दौसा से सांसद हरीश चंद्र 1973-75 में जेएनयू के छात्र रह चुके हैं। हरीश ने यहां से पॉलिटिकल सांइस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
यूनिवर्सिटी के बारे में हरीश चंद्र ने कहा था कि “मुझे गर्व है कि मैं जेएनयू से पढ़ चुका हूं लेकिन विश्वविद्यालय के अंदर या बाहर किसी भी तरह की राष्ट्रविरोधी घटना की मैं निन्दा करता हूं”

 

भागीरथ प्रसाद (बीजेपी)

 

मध्यप्रदेश के भिंड से सांसद भागीरथ प्रसाद 1971-75 में जेएनयू के छात्र रह चुके हैं। बात करें, जेएनयू के बारे में विचार की, तो भागीरथ के मुताबिक “जेएनयू एक अद्भुत विश्वविद्यालय है, जहां युवा अपनी उपलब्धियों से देश का गौरव बढ़ाते हैं, विश्वविद्यालय होने के नाते यहां बहने वाले हर तरह के नए विचारों की सुरक्षा की जानी चाहिए”।

 

उदित राज (बीजेपी)

नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली से सांसद उदित राज 1980-83 में जेएनयू के छात्र थे। उन्होंने जर्मन भाषा में बीए करने के लिए जेएनयू में प्रवेश लिया था लेकिन पैसों की तंगी के चलते बीच में ही कोर्स छोड़ दिया। उनके मुताबिक “मेरी पार्टी या एबीवीपी जेएनयू को एक राष्ट्रविरोधी यूनिवर्सिटी नहीं मानती, बस यहां उग्र विचारधारा से खतरा है, जो देश के विरोध नारे लगाती है और अफजल गुरू का समर्थन करती है”

 

मेनका गांधी (बीजेपी)

 

 

जर्मन लैंग्वेंज कोर्स के लिए 1974-77 में मेनका गांधी जेएनयू की छात्र थी। मेनका गांधी ने जेएनयू में चल रहे गतिविधियों पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया था…Next

 

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