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भारतीय चुनावों के इतिहास में 300 बार चुनाव लड़ने वाला वो उम्मीदवार, जिसे नहीं मिली कभी जीत

चुनाव नजदीक आते ही राजनीति की गलियारों की ऐसी कई खबरें सामने आती है, जो बहुत दिलचस्प होती है। ऐसी ही एक खबर है 300 बार चुनाव हार चुके बरेली के काका की। बरेली के काका जोगिन्दर सिंह उर्फ धरती पकड़ ने लोकतंत्र को मजबूत करने के छोटे-बड़े 300 चुनाव लड़े थे। वार्ड पार्षद से लेकर देश के राष्ट्रपति का चुनावी दंगल में उतकर बरेली को सियासी सुर्खियों में ला दिया था। उनकी लगातार हार को देखते हुए कहा जाने लगा कि काका हारने के लिए चुनावी रण में उतरते थे।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal9 Apr, 2019

 

 

नेहरू ने भी की थी चुनाव लड़ने की पेशकश
तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बरेली विधान सभा सीट से किसी सिख को मैदान में उतारना चाहते थे। डीएम के माध्यम से उपयुक्त नाम मांगे तो सरदार जोगिंदर सिंह का नाम सामने आया। डीएम ने नेहरू जी की मंशा के अनुरूप काका से चुनाव लड़ने की पेशकश की, तो काका ने यह कहकर ठुकरा दिया कि वह किसी दल से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। काका ने वर्ष 1962 में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा, जिसमें उनकी जमानत जब्त हो गई। इसके बाद तो हर चुनाव में वह नामांकन करा देते। उत्तर प्रदेश ही नहीं किसी राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ने मैदान में उतर जाते।

 

 

राष्ट्रपति चुनाव में भी करा लिया था नामांकन
राष्ट्रपति चुनाव में डॉ शंकरदयाल शर्मा और उपराष्ट्रपति प्रत्याशी केआर नारायण के खिलाफ काका ने पर्चा भर दिया। इन पदों पर चुनाव निर्विरोध होता लेकिन काका के चलते ऐसा नहीं हो सका। दोनों प्रत्याशी जीत गए तो काका ने सर्वोच्च न्यायालय में वाद दायर कर उनके नामांकन को ही चुनौती दे डाली। सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि दोनों पर्चों में प्रस्तावक सूचना गलत जरूर है लेकिन इस आधार पर चुनाव रद्द नहीं किया जा सकता। इसके बाद चुनाव आयोग ने कई बदलाव किए।

 

चुनाव प्रचार के समय जनता की हथेली पर रख देते थे ड्राई फ्रूट
हर चुनाव में काका प्रचार को निकलते तो काजू, किशमिश, रेबड़ी, परवल, छुआरा आदि थैले में भर लेते। जिससे मिलते उसकी हथेली पर इनमें से कुछ न कुछ रख देते। शांत मिजाज के काका कहा करते थे, इलेक्शन नहीं सलेक्शन होना चाहिए। हर चुनाव में जमानत जब्त कराने वाले काका को प्रतिभूति राशि वापस नहीं मिली, उनका कहना था कि इससे देश का कर्जा कम होगा।…Next

 

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