कर्नाटक विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले राजनीतिक हलकों में यह उम्मीरद जताई जा रही थी कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्वआ वाली पार्टी जेडीएस किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। परिणाम आने के बाद देवेगौड़ा के बेटे कुमारस्वा मी कांग्रेस के समर्थन से सीएम बनने की रेस में आ गए हैं। जेडीएस किंगमेकर की जगह किंग की भूमिका निभाती दिख रही है। आइए एक नजर डालते हैं तमाम उतार चढ़ावों के बावजूद कर्नाटक की राजनीति में अपनी जगह बनाकर रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के सिेयासी सफर पर जो 18 मई को अपना जन्म दिन मना रहे होंगे।
किसान परिवार में हुआ था जन्म
एच.डी. देवेगौड़ा का जन्म 18 मई 1933 को कर्नाटक के हासन जिले के होलेनारासिपुरा तालुक के हरदनहल्ली गांव में हुआ था। साधारण किसान परिवार से आने क बद भी उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा किया। हालांकि उन्होंने नौकरी करने के बजाय वो रास्त चुना जो उन्हें राजनीति में लेकर आया। दरअसल देवेगौड़ा ने आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को काफी करीब से देखा। यही कारण है कि सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद देवेगौड़ा ने किसानों और दबे कुचले लोगों के लिए आवाज उठाना शुरू कर दिया और इस तरह से उनका सियासी सफर शुरू हो गया।
1962 में कर्नाटक विधानसभा के सदस्य बने
1953 में उन्होंधने कांग्रेस की सदस्य ता ग्रहण की और 1962 तक इसके सदस्यल रहे। 28 वर्ष की उम्र में उन्हों ने निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ा। वह 1962 में पहली बार कर्नाटक विधानसभा के सदस्या चुने गए। इसके बाद उनका राजनीतिक कद बढ़ता ही गया। उन्हों ने अन्जनेया सहकारी सोसायटी के अध्यक्ष और होलेनारासिपुरा के तालुक तहसील विकास बोर्ड के सदस्य के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी।
आपातकाल के दौरान गए थे जेल
होलेनारासिपुरा विधानसभा से वह लगातार 6 बार (1962 से 1989) विधायक चुने गए। इसके साथ ही उन्होंने (मार्च 1972 से मार्च 1976 तक) और फिर (नवंबर 1976 से दिसंबर 1977 तक) विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई। 1975-77 में आपातकाल के दौरान वह जेल भी गए। 1991 में वह हासन से सांसद चुने गए।
10 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे
कर्नाटक में जनता दल की कमान देवेगौड़ा के हाथों में थी, उन्हीं के नेतृत्व में जनता दल ने 1994 में प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई और वह मुख्यमंत्री बने। 1996 में उन्हेंत युनाइटेड फ्रंट गठबंधन का नेता चुना गया। जिसने कांग्रेस के समर्थन से केंद्र में सरकार बनाई व उन्हों ने प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सत्ता संभाली। वह 10 महीने से अधिक समय तक इस पद पर रहे।
बीजेपी के समर्थन से बेटा बना मुख्यमंत्री
जनता दल में टूट के बाद 1999 में उन्हेंं जेडीएस का राष्ट्री्य अध्य क्ष चुना गया। 2004 के चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी और कांग्रेस के धरम सिंह सीएम बने। लेकिन 2006 में जेडीएस गठबंधन से अलग हो गई। फिर बीजेपी के साथ बारी-बारी से सत्ता संभालने के समझौते के तहत उनके बेटे कुमारस्वामी जनवरी 2006 में सीएम बने। जो 20 महीने तक इस पद पर रहे।…Next
Read More:
मायावती ने उपचुनावों में सपा से दूरी बनाकर चला बड़ा सियासी दांव!
कर्नाटक में बज गया चुनावी बिगुल, ऐसा है यहां का सियासी गणित
राज्यसभा के बाद यूपी में एक बार फिर होगी विधायकों की ‘परीक्षा’
Read Comments