राजनीति में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता। यहां कुछ किस्से और घोटाले तो ऐसे हैं, जिनके बारे में सुनकर ऐसा लगता है कि क्या ये वही नेता हैं, जिन्हें हम देश की सेवा के लिए चुनते हैं? जबकि देशसेवा के नाम पर ये नेता अपने निजी फायदों को सबसे ऊपर रखते हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है तमिलनाडु में, जहां ‘गुटखा घोटाला’ नेताओं की आंख की किरकिरी बन रहा है।
क्या है ‘गुटखा घोटाला’
गुटखा घोटाले की वजह से तमिलनाडु में कई दिग्गकज नेता, मंत्री, कारोबारी और पुलिस अधिकारी निशाने पर हैं। बीते साल 8 जुलाई 2017 को गुटखा स्कैम के बारे में पता लगा था। उस दौरान इनकम टैक्स विभाग ने तमिलनाडु में लगातार कई जगह छापे मारे थे। तब पान मसाला और गुटखा उत्पादकों के सेंटरों और घरों पर छापे मारे गए थे। इस दौरान करीब 250 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का पता लगा था। इस मामले को लेकर डीएमके के नेताओं ने AIADMK पर आरोप लगाए थे।
सीबीआई जांच के लिए दायर की गई थी याचिका
इस साल अप्रैल में मद्रास हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस घोटाले की जांच करने के आदेश दिए थे मामले की जांच के लिए डीएमके नेता ही सीबीआई जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। तमिलनाडु के ‘गुटखा स्कैम’ से जुड़े मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की। सीबीआई ने चेन्नई में तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर के घर पर छापे मारे। सिर्फ चेन्नई ही नहीं बल्कि बेंगलुरु और मुंबई में भी इस घोटाले को लेकर छापेमारी की गई।
नेताओं-अफसरों ने खाई करीब 30 करोड़ की रिश्वत
आरोप है कि नेताओं और पुलिस अफसरों ने इस घोटाले में करीब 30 करोड़ रुपए की रिश्वत खाई है। 2013 में तमिलनाडु सरकार ने गुटखा, तंबाकू और पान मसाले के बनाने, रखने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिए थे। गुटखा घोटाले के तहत प्रतिबंध होने के बाद भी अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया गया। इसके लिए अधिकारियों ने घूस लिए। एक कारोबारी के घर छापे में मिली डायरी से कई मंत्रियों और अधिकारियों के नाम सामने आए…Next
Read More :
कश्मीर पर एक बार फिर छिड़ा विवाद! क्या है आर्टिकल 35A, जानें पूरा मामला
मायावती ने उपचुनावों में सपा से दूरी बनाकर चला बड़ा सियासी दांव!
Read Comments