Posted On: 3 Jan, 2018 Politics में
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साल 2017 में राजनीतिक सरगर्मियां तेज रहीं। 2017 की शुरुआत ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की गर्माहट के बीच हुई। बीते साल राष्ट्रपति चुनाव से लेकर, राज्यसभा, विधानसभा और कुछ जगह उपचुनाव समेत कई चुनाव हुए। इस दौरान सियासी गलियारों का पारा चढ़ा रहा। कहीं सत्ता बदली, तो कहीं राज बरकरार रहा। कुछ ऐसा ही हाल नए साल यानी 2018 में रहने वाला है। इस साल आठ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें दक्षिण से लेकर पूर्वोत्तर तक के राज्य शामिल हैं। इसके अलावा उपचुनाव और छोटे चुनाव तो होते रहेंगे। कुल मिलाकर इस साल भी चुनावी सरगर्मियां तेज रहेंगी। आइये आपको बताते हैं कि 2018 में किन प्रदेशों में चुनाव होंगे और वहां के समीकरण क्या हैं।
भाजपा के गढ़ बने इन तीन राज्यों पर रहेगी नजर
2018 में जिन राज्यों के चुनाव होने हैं, उनमें भाजपा के गढ़ माने जाने वाले तीन राज्य, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ शामिल हैं। राजस्थान में 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 200 सीटों में से 163 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। यहां कांग्रेस के पास मात्र 21 सीटें हैं। मध्यप्रदेश में एक दशक से ज्यादा समय से सत्ता पर काबिज भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव में 230 में से 165 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को मात्र 58 सीटों से संतोष करना पड़ा था। वहीं, भाजपा के तीसरे बड़े गढ़ छत्तीसगढ़ की बात करें, तो यहां 2013 के विधानसभा चुनाव में सूबे की 90 सीटों में से 49 भाजपा को, जबकि 39 कांग्रेस को मिली थी।
पूर्वोत्तर में पार्टियां झोकेंगी ताकत
इस साल पूर्वोत्तर के 4 राज्यों मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और नागालैंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले चुनाव में मेघालय में कांग्रेस को 29 और मिजोरम में 34 सीटें मिली थीं। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। वहीं, नागालैंड में 2013 में नागालैंड पीपल्स फ्रंट सबसे बड़ी पार्टी थी, जिसने 37 सीटों पर कब्जा किया था। इसने भाजपा और जेडीयू के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाई। कांग्रेस को नागालैंड में 8 सीटें मिली थीं। 60 विधानसभा सीटों वाले त्रिपुरा में सीपीआई (एम) यानी वामदल की सरकार है। इन राज्यों के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों पूरी ताकत झोकेंगी। यहां के चुनाव जीतकर भाजपा पूर्वोत्तर में खुद को मजबूत करना चाहेगी, तो कांग्रेस सत्ता पाकर अपनी वापसी के प्रयास करेगी।
कर्नाटक पर कब्जा करने के लिए लगाएंगे जोर
देश के जिन चार राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, उनमें एक कर्नाटक है। यहां 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 122 सीटें मिली थीं। वहीं, भाजपा का प्रदेश में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं था और उसे 40 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार तो है, लेकिन बीजेपी दक्षिण के इस दुर्ग पर अपना परचम फहराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़गी। दोनों बड़ी पार्टियां कर्नाटक की सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगाएंगी।…Next
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