Menu
blogid : 321 postid : 1390104

इस विधानसभा सीट पर सिर्फ 3 वोटों के अंतर से हुआ हार-जीत का फैसला, फिर से कराई गई थी गिनती

मिजोरम विधानसभा के लिए हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में कांग्रेस को करारी हार मिली है। कांग्रेस महज पांच सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही। एमएनएफ को 26 सीटें मिली और जोराम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) को आठ सीटें मिली। बीजेपी ने भी आठ फीसदी वोट पाकर एक सीट के साथ राज्य में अपना खाता खोला। वहीं, कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में बीजेपी को हिंदी पट्टी के तीन अहम राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता से बाहर कर दिया है। इस चुनाव में जीत-हार से जुड़े कई दिलचस्प पहलू देखने को मिले हैं। इसी तरह मिजोरम विधानसभा के लिए हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में भी एक दिलचस्प नतीजा सामने आया है।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal13 Dec, 2018

 

 

 

तीन वोटो ने अंतर ने सभी को चौंकाया
इन चुनावों में जीत का सबसे कम अंतर महज तीन वोट रहा जबकि सबसे अधिक अंतर 2,720 वोट का था। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के लालछंदामा राल्टे ने तुइवाल सीट पर मात्र तीन मतों के अंतर से जीत हासिल की। राल्टे को 5,207 वोट मिले थे जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के विधायक आरएल पियानमविआ के हिस्से 5,204 मत आए।

 

फिर से की गई गिनती लेकिन नहीं बदला कोई नतीजा
पियानमविआ ने मतों की फिर से गिनती की मांग की थी जिसे भारत निर्वाचन आयोग ने स्वीकार भी कर लिया था लेकिन पुन: गणना में भी सामने आया कि जीत का अंतर महज तीन वोट ही था। एमएनएफ के विधायक ललरुआतकिमा ने 2,720 मतों के अंतर से कांग्रेस के अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी ललमलसामा नघाका को हराकर आइजोल पश्चिम दो की सीट अपने पास बरकरार रखी। ललरुआतिकमा को 7,626 वोट मिले जबकि नघाका के हिस्से 4,906 मत मिले।

 

 

 

किसी ने खोया किसी ने पाया
मिजोरम के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार लाल थनहवला ने निर्दलीय प्रतिद्वंद्वी ललदुहोमा से 410 मत कम मिलने के चलते सेरछिप सीट गंवा दी। वहीं चम्फाई दक्षिण सीट पर भी उन्हें 1,049 वोट कम मिलने की वजह से हार का मुंह का देखना पड़ा। मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 28 नवंबर को हुए थे और मतों की गिनती 11 दिसंबर को की गई थी। राज्य विधानसभा चुनाव में जीत का सबसे अधिक अंतर 2,720 वोट रहा…Next

 

Read More :

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव : वोटिंग के बाद कुछ ऐसे बीता नेताओं का दिन, किसी ने बनाई जलेबी तो किसी की डोसा-सांभर पार्टी

मध्यप्रदेश चुनाव : चुनावी अखाड़े में आमने-सामने खड़े रिश्तेदार, कहीं चाचा-भतीजे तो कहीं समधी में टक्कर

इन घटनाओं के लिए हमेशा याद रखे जाएंगे वीपी सिंह, ऐसे गिरी थी इनकी सरकार

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh