बचपन में आपने गांधी जी की वो कहानी पढ़ी होगी, जिसमें वो गुड़ खाने वाले बच्चे को कुछ भी समझाने से पहले खुद गुड़ खाने की आदत को सुधारते हैं, उसके बाद बच्चे को गुड़ ना खाने की सलाह देते हैं. इस कहानी का सार ये है कि जो काम हम खुद करते हैं उसे दूसरों को मना करने का हमें तब तक कोई हक नहीं बनता, जब तक हम उस बुरे काम को करना छोड़ ना दें.
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
बहरहाल, बिहार के पूर्निया से सांसद रंजीत रंजन की शादी की खबरों को देखकर ये कहानी याद आती है. आपने कुछ दिनों पहले शादी में खर्च की अधिकतम सीमा की खबर जरूरी पढ़ी होगी, जिसमें शादी में 5 लाख से ज्यादा खर्च करने पर आपको खर्च की हुई रकम का 10% गरीबों को दान करना होगा.
सरकार के सामने ऐसे बिल का विचार लाने का श्रेय जाता है रंजीत रंजन को. आपको जानकर हैरानी होगी कि दूसरों के शादी के खर्चे पर लगाम लगाने वाली रंजीत रंजन खुद की शादी में चार्टर्ड प्लेन से गई थीं. रंजीत रंजन बिहार के सुपौल से कांग्रेस पार्टी की सांसद हैं. मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव की बीवी हैं. 6 फरवरी 1994 को रंजीत रंजन और सांसद पप्पू यादव की शादी हुई थी. स्थानीय निवासियों का मानना है कि इन्होंने खुद की शादी में जमकर खर्च किया था. इनकी शादी में मौजूद देवाशीष पासवान ने एक प्राइवेट चैनल से बात करते हुए बताया कि पूरा पूर्णिया रंजीत की शादी का गवाह बना था. एक लाख से ज्यादा लोगों ने शादी में शिरकत की थी. पासवान के मुताबिक शहर के सारे गेस्ट हाउस, होटल मेहमानों के लिए बुक कर दिए थे. शादी के लिए रंजीत और उनकी फैमिली चार्टर्ड प्लेन से जालंधर से पूर्णिया आये थे.
शादी में अधिकतम खर्च वाले बिल के बारे में यहां पढ़े
वहीं जब रंजीत से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा वो मेरी शादी नहीं थी बल्कि एक रैली थी. मेरे परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था और हमें कुछ पता भी नहीं था. शादी करने मैं चार्टर्ड प्लेन से गई थी लेकिन उसका इंतजाम लड़के वालों की तरफ से हुआ था और उस प्लेन में सिर्फ मैं थी. रंजीत आगे कहती हैं कि पप्पू यादव अपने इलाके में लोकप्रिय थे, जिसकी वजह से शादी में दो-ढाई लाख लोग पहुंचे थे. रंजीत इस तरह की कोई फिर्जूल खर्च को नकारती हैं. अब उनकी शादी में हुए खर्च की कितनी सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही पता चल सकता है लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी सांसद की शाही शादी की बात सामने आई हो.
प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा भले ही कर दी थी लेकिन कर्नाटक के पूर्व मंत्री जर्नादन रेड्डी ने अपनी बेटी की शादी में 500 करोड़ रुपए खर्च किए थे. शादी में फिर्जूल खर्च का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी बेटी ने शादी में जो साड़ी पहनी थी, उसकी कीमत 17 करोड़ रुपए थी. नोटबंदी के बाद सरकार का ये कदम कितना सही साबित होता है, ये तो बिल पास होने के बाद ही पता चलेगा लेकिन अगर पूर्व और वर्तमान मंत्रियों का इतिहास टटोला जाए तो ऐसे कई मामले सुनने को मिल सकते हैं…Next
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