अपनी छवि और प्रभाव के चलते आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा न केवल भारत में बल्कि विश्व के बड़े-बड़े देशों में भी की जा रही है. अभी मोदी को प्रधानमंत्री बने कुछ ही महीने हुए है ऐसी स्थिति में मोदी चाहे विदेशी दौरे पर हो या फिर किसी देश का राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत के दौरे पर, मोदी अपना प्रभाव छोड़ने में पूरी तरह से कामयाब हो रहे हैं.
आने वाले कुछ दिनों मोदी विश्व के सबसे ताकतवर देश अमरीका का दौरा करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर से पांच दिवसीय अमरीकी यात्रा पर जा रहे हैं, लेकिन यात्रा से पहले जिस तरह का माहौल अमरीका में है, माना जा रहा है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.
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एक तरफ जहां दुनियाभर की निगाहें मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुलाकात पर भी टिकी हैं तो वहीं दूसरी तरफ अमरीका में मोदी के हजारों चाहने वाले उन्हें देखने के लिए बेकरार हैं. 28 सितंबर को नरेंद्र मोदी की न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर में भाषण होगा और इस भाषण को सुनने के लिए लोगों में होड़ लगी है. अबतक 30,000 से ज्यादा लोग इस भाषण को सुनने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
लेकिन यह पहली बार नहीं है जब मोदी वहां के लोगों पर यात्रा से पहले प्रभाव छोड़ने में कामयाब हुए हैं. आज से लगभग 21 साल पहले जब मोदी एक साधारण व्यक्ति के तौर पर अमरीका गए थे तब भी कुछ एनआरआई लोग उनसे काफी प्रभावित हुए.
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जिस समय पूरे देश में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में राजनीति गर्मा रही थी उस समय यानी 1993 के सितंबर महीने में मोदी अमरीका में थे. उनके साथ रहने वाले लोगों का मानना है कि तब मोदी अमरीका को देखने और समझने गए थे. उस दौरान भी अमरीका विश्व का सबसे ताकतवर देश था, मोदी यह देखना चाहते थे कि अमरीका में ऐसी क्या बात है जिसकी वजह से वह विश्व की महाशक्ति बनी हई है.
तब मोदी भी चाहते थे कि भारत भी हर क्षेत्र में अमरीका की तरह विश्व शक्ति बने. तब के अमरीकी यात्रा के दौरान उनके साथ रहने वाले सी. के. पटेल के मुताबिक मोदी अमरीका की वह हर चीज देखते जिनका अमरीका को खूबसूरत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही जैसे; वहां कि वह सड़के, पार्क, होटल और बिल्डिंग को बड़े ही ध्यान से देखते, वहां रहने वाले लोगों से रियल अमरीका के बारे में पूछते. यहीं नहीं, अमरीका में किस तरह की शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं होती है वह सब जानने की मोदी ने कोशिश की. वहां वह जो भी चीज सोचते उसका भारत और गुजरात से जरूर तुलना करते.
मोदी धार्मिक और सादगी पसंद व्यक्ति हैं और उस दौरान भी मोदी पूरी सादगी के साथ अमरीका गए थे, उनके कपड़ों को देखकर ऐसा कभी नहीं लगा कि वह अमरीका गए हैं. वहां रहकर न केवल उन्होंने भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की बल्कि फोटोग्राफी भी की.
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