एन.रंगास्वामी का जीवन परिचय
दक्षिण भारत के संघीय क्षेत्र पुदुच्चेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी का जन्म 4 अगस्त, 1950 को पुदुच्चेरी में हुआ था. एन. रंगास्वामी का संबंध दक्षिण भारत के एक प्रमुख जातीय समुदाय वन्नियार से है. इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने क्षेत्र के एक सरकारी विद्यालय से ग्रहण की थी. यह एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो बिना किसी सुरक्षा घेरे के खुलेआम अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि एन. रंगास्वामी के कार्यालय में कोई भी आम नागरिक बिना किसी हिचक और पूर्व सूचना के आ सकता है. वह बिना किसी भेद-भाव के सब लोगों को बराबर समय देते हैं.
एन. रंगास्वामी का व्यक्तित्व
एन. रंगास्वामी मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कभी आम जनता से दूर नहीं रहे. वह अपने क्षेत्र के नागरिकों के कल्याण और सुखद जीवन को निर्धारित करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं. वह एक अच्छे और जमीन से जुड़े राजनेता हैं.
एन. रंगास्वामी का राजनैतिक सफर
के. कामराज से प्रभावित होकर एन. रंगास्वामी विद्यार्थी जीवन में ही राजनीति से जुड़ गए थे. वह गरीब और असहाय लोगों के हितों के लिए कार्य करने लग गए थे. एन. रंगास्वामी ने कांग्रेस की टिकट पर अपना पहला विधानसभा चुनाव वर्ष 1990 में थत्तनचावड़ी निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था, लेकिन इन चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन वे आगामी चुनावों में जीतकर राज्य के कृषि और सहकारिता मंत्री बनाए गए. वर्ष 1996 के चुनावों में वह दोबारा निर्वाचित हुए. वर्ष 2001 के चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद एन. रंगास्वामी पुदुच्चेरी के मुख्यमंत्री बनाए गए. वर्ष 2006 के विधानसभा चुनावों में एन. रंगास्वामी ने भारी मतांतरों से जीत दर्ज की. इन चुनावों में उनके प्रतिद्वंदी को केवल 500 मत ही प्राप्त हुए थे. वर्ष 2008 में कांग्रेस के भीतर चल रहे मनमुटाव और आंतरिक राजनीति के कारण एन. रंगास्वामी से त्याग पत्र लेकर 4 सितंबर, 2008 को वी. वैथिलिंगम को मुख्यमंत्री बना दिया गया. कांग्रेस की सदस्यता त्याग देने के बाद 7 फरवरी, 2011 को एन. रंगास्वामी ने ऑल इंडिया एन.आर. कांग्रेस की स्थापना की. तीन महीनों के भीतर हुए विधानसभा चुनावों में एन. रंगास्वामी की पार्टी को 17 में से 15 सीटों पर जीत हासिल हुई जिसके बाद वह एक बार फिर मुख्यमंत्री बने.
एन. रंगास्वामी की उपलब्धियां
अपने कॅरियर की शुरुआत से लेकर अब तक एन. रंगास्वामी ने अपनी राजनैतिक और सामजिक छवि पर कोई दाग नहीं लगने दिया. उनके प्रशंसकों और राज्य के आम नागरिकों के बीच उन्हें मिस्टर ऑनेस्ट के नाम से भी जाना जाता है.
Read Comments