रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ लेंगे. राष्ट्रपति चुनावों में उन्होंने यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार को शिकस्त दी है. कोविंद को करीब 66 फीसदी वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 33 फीसदी वोट मिले. इतने बड़े पद पर काबिज होने वाले रामनाथ कोविंद का जीवन पहले कैसा था, आइए इसपर एक नजर डालते हैं.
दलित परिवार में हुआ था जन्म
बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में चुन लिए गए हैं. कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को कानपुर के डेरापुर में हुआ था. उनका जन्म एक बहुत ही साधारण परिवार में हुआ. उस वक्त देश अंग्रेजों का गुलाम था. उस समय दलित होना किसी अपराध से कम न था. कोविंद का बचपन गरीबी में गुजरा. पर इन सभी मुसीबतों को भेदते हुए कोविंद आज उस मुकाम पर खड़े हैं, जहां पर आने का सपना शायद उन्होंने खुद नहीं देखा होगा.
परचून की दुकान चलाते थे पिता
रामनाथ कोविंद के पिता मैकू लाल एक व्यापारी थे. वो परचून की दुकान चलाते थे. हालांकि, परौख गांव में सिर्फ चार दलित परिवार थे, मगर कोविंद के पिता ‘गांव के चौधरी’ कहलाते थे. परचून की दुकान चलाने के अलावा कोविंद के पिता एक कपड़ा दुकान के मालिक भी थे. इसके अलावा वो वैद्य भी थे. कोविंद के परिवार पिता के अलावा मां कलावती थी. इनके अलावा कोविंद के चार भाई और तीन बहनें हैं.
6 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे कोविंद
कोविंद के बारे में बताया जाता है कि वो 6 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे और फिर पैदल ही 6 किलोमीटर वापस आते थे. उन्होंने वो वक्त देखा है जब देश अंग्रेजों का गुलाम था, उस समय दलित होना किसी अभिशाप से कम नहीं था.
बेहद सामान्य है जीवन
योग के शौकीन रामनाथ कोविंद की पत्नी पत्नी सविता कोविंद रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं. कोविंद के बेटे का नाम प्रशांत है और बेटी का नाम स्वाति है. कोविंद के परिवार में बाकी लोग सामान्य जीवन बिताते हैं. कोविंद के एक भाई मध्य प्रदेश में अकाउंट अफसर के पद से रिटायर हुए हैं. एक और भाई सरकारी स्कूल में टीचर हैं. बाकी अपना कारोबार करते हैं.
किराए पर रहते थे कोविंद
रामनाथ का परिवार बेहद सामान्य जीवन गुजारता था. खुद रामनाथ कोविंद ने भी अपने राजनीतिक जीवन से पहले बेहद साधारण अंदाज में जिंदगी व्यतीत की.1993 में परौख गांव से वह कानपुर शहर रहने आए और यहां पर वह कल्याणपुर इलाके के न्यू आजाद नगर में एक प्रोफेसर के घर किराए पर रहे. कोविंद यहां पर 30 रुपया किराया देते थे. करीब 12 साल तक कोविंद का परिवार यहां पर रहा और 2005 में इसी इलाके के दयानंद विहार में अपना मकान बनवा लिया.
रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे
फिलहाल, एक परचून की दुकान चलाने वाले का बेटा आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हो रहा है. रामनाथ कोविंद का पूरा परिवार जश्न में डूबा है. अब रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे…Next
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