उत्तर कोरिया अपनी ताकत बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और दुनिया के सामने एक ताकतवर देश की छवि पेश करने के लिए वह जल्द ही या कहें किसी भी समय परमाणु परीक्षण कर सकता है. उत्तर कोरिया द्वारा दक्षिण कोरिया में आए सैलानियों को यह चेतावनी भी दी जा चुकी है कि वह जल्द से जल्द देश छोड़कर चले जाएं क्योंकि युद्ध के हालात गर्मा चुके हैं और कभी भी युद्ध छिड़ सकता है इसीलिए अगर वह अपनी जान बचाना चाहते हैं तो अपने-अपने राष्ट्र वापस चले जाएं. हालांकि इससे पहले भी नॉर्थ कोरिया ऐसी वार्निंग जारी कर चुका है किंतु दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल स्थित किसी भी विदेशी एम्बैसी ने इस चेतावनी पर गंभीरता से विचार कर अपने नागरिकों को वापस जाने का निर्देश या सुझाव नहीं दिया है. राजदूतों द्वारा बस यह घोषणा की गई है कि पड़ोसी देशों के साथ संबंध खराब हो रहे हैं और समस्याएं बढ़ रही हैं.
उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया द्वारा पहले ही विदेशी राजनयिकों को यह सूचित किया जा चुका था कि वह उनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं ले सकते इसीलिए वह अगर चाहें तो देश छोड़कर जा सकते हैं. लेकिन इस चेतावनी के बावजूद पर्यटक उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में बेहिचक आवागमन कर रहे हैं.
दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण से जुड़ी सभी तैयारियां की जा चुकी हैं और वह कभी भी चौथा मिसाइल परीक्षण कर सकता है. दक्षिण कोरिया के गुप्तचर विभाग द्वारा यह कहा गया है कि उत्तर कोरिया अपने पूर्वी तट से मध्य रेंज की मिसाइल का परीक्षण किसी भी क्षण कर सकता है. वह अपनी सभी तैयारियां पूरी कर चुका है और बस सही समय का इंतजार कर रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया की आर्मी द्वारा दक्षिण कोरिया पर हमला करने के प्रत्यक्ष आसार तो नहीं नजर आ रहे हैं इसीलिए हो सकता है कि वह केवल अपनी धाक जमाने या मांग मनवाने के लिए धमकी की कूटनीति चला रहा हो. दक्षिण कोरिया का यह भी कहना है कि उत्तर कोरिया के पूर्वी तट पर मिसाइल परीक्षण से जुड़ी गतिविधियां जरूर दिखाई दे रही हैं लेकिन उनका निशाना दक्षिण कोरिया की ओर नहीं है.
चीन के अधिकारी का कहना है कि उत्तर कोरिया और पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर उत्तर कोरिया और चीन के बीच के मुख्य बॉर्डर को भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है.
दंडोंग बॉर्डर ऑफिस के एक अधिकारी का भी कहना है कि ट्रैवल एजेंसियों को यह निर्देश जारी कर दिया गया है कि अब जब उत्तर कोरिया द्वारा पर्यटकों से देश खाली करने जैसी एडवाइजरी जारी कर दी गई है इसीलिए पर्यटकों के दल को भी वहां जाने से रोका जा रहा है. अधिकारी के अनुसार व्यवसायिक कामों से अगर कोई बिजनेसमैन नॉर्थ कोरिया आना या जाना चाहता है तो वह पूरी तरह से मुक्त है.
संयुक्त राष्ट्र संगठन के महासचिव बान की मून का कहना है कि वर्तमान हालात वाकई चिंताजनक हैं. जरा सा भी गलत अनुमान या किसी भी तरह का गलत फैसला हालातों को और ज्यादा अनियंत्रित कर सकता है.
जाहिर है हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. एक ओर उत्तर कोरिया अपनी ताकत बढ़ाने के लिए तत्पर है दूसरी ओर अमेरिका समेत मित्र देश इस तत्परता को आड़े हाथों लेने के लिए तैयार बैठे हैं. इस तनाव का परिणाम क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन अगर यह हालात और बिगड़ते हैं तो इसमें कोई संदेह नहीं कि उनका परिणाम पूरी दुनिया को भुगतना पड़ सकता है.
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