ओमन चांडी का जीवन परिचय
केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री ओमन चांडी का जन्म 31 अक्टूबर, 1943 को कोट्टायम जिले के पुथुपल्ली ग्राम के एक संपन्न ईसाई परिवार में हुआ था. ओमन चांडी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जॉर्ज हाई स्कूल से पूरी करने के बाद गवर्मेंट लॉ कॉलेज से कानून की उपाधि ग्रहण की. चांडी एक व्यापार संघी भी हैं. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय व्यापार संघ कांग्रेस से संबद्ध कई संगठनों की अध्यक्षता भी की है. ओमन के परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं.
ओमन चांडी का व्यक्तित्व
ओमन चांडी एक रुढ़िवादी सीरियन ईसाई परिवार से संबंध रखते हैं. वह एक प्रगतिशील और नागरिकों के कल्याण के लिए सदा प्रयासरत रहने वाले मुख्यमंत्री हैं.
ओमन चांडी का राजनैतिक सफर
सेंट जॉर्ज हाई स्कूल में पढाई के दौरान ओमन चांडी केरल विद्यार्थी संघ से जुड़ गए थे. इसी संघ के साथ उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की. वर्ष 1967 से 1969 तक वह इस अध्यक्ष भी रहे. 1970 में वह राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए. इसी वर्ष उन्होंने अपने गृहनगर पुथुपल्ली निर्वाचन क्षेत्र से पहला विधानसभा चुनाव भी लड़ा. इस सीट पर वह लगातार कई वर्षों (1970, 1977, 1980, 1982, 1987, 1991, 1996, 2001, 2006 और 2011) तक विजयी रहे. इस दौरान उन्होंने श्रम मंत्रालय, गृह राज्य मंत्रालय और वित्त-मंत्रालय में अपनी सेवाएं दी. वर्ष 2004 में जब ए.के. एंटनी के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए केरल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा, तब एंटनी ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद ओमन चांडी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया. लेकिन वर्ष 2006 के आम चुनावों में एक बार फिर पार्टी की हार हुई, ऐसे में ओमन चांडी ने भी नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा दे दिया. वर्ष 2011 के चुनावों में ओमन की पार्टी को अच्छे मतांतरों से जीत हासिल हुई. इस जीत के बाद एक बार फिर ओमन चांडी को मुख्यमंत्री पद प्रदान किया गया.
ओमन चांडी की उपलब्धियां
ओमन चांडी से जुड़े विवाद
वर्ष 1991-1992 में के. करुणाकरण के मुख्यमंत्री रहते हुए ओमन चांडी प्रदेश के वित्तमंत्री थे. इसी दौरान वह पामोलिन तेल के आयात में हुई धांधली के आरोपों से घिर गए. इस घोटाले में केरल राज्य को 2.32 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा. वर्ष 2010 में करुणाकरण की मृत्यु के पश्चात यह केस बंद हो चुका था, लेकिन दोबारा इसे मार्च 2011 में खोला गया. केन्द्रीय सतर्कता न्यायालय ने भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो को नवंबर 2011 तक इस घोटाले की रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
ओमन चांडी को उनके करीबी मित्र और परिवारवाले कुंजूंजु भी कहते हैं. नेता विपक्ष की भूमिका निभा चुके यह केरल प्रदेश के इक्कीसवें मुख्यमंत्री हैं.
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