प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कपड़ों और सूट पर कई बार विपक्षी दलों ने निशाना साधा है। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पहनी पोशाकें हमेशा चर्चा का विषय बनती हैं। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के कुछ ही महीनों बाद उनका एक सूट काफी विवादों में आ गया था। पीएम मोदी के इस बंद गले वाले सूट में उनका पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी भी लिखा हुआ था। माना जा रहा था कि यह सूट काफी महंगा है। कांग्रेस ने इस सूट के लिए पीएम मोदी की आलोचना की थी। ऐसे में हाल ही में RTI की रिपोर्ट ने खुलासा किया गया है कि आखिर पीए मके कपड़ो पर पैसा कहां से खर्च होता है।
आरटीआई एक्टिविस्ट ने पूछे थे सवाल
आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित सब्बरवाल ने सूचना के अधिकार के तहत पीएमओ से प्रधानमंत्रियों के कपड़े पर कितना खर्च किया गया है इसकी रिर्पोट मांगी थी। रोहित ने1998 से लेकर अबतक देश जितने भी प्रधानमंत्री हैं उऩके बारे में जानकारी मांगी थी, इसमें अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह भी आते हैं।
खर्च पीएम अपनी सैलरी से ही उठाते हैं
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया है कि पीएम मोदी के निजी कपड़ों पर होनेवाला खर्च पीएम अपनी सैलरी से ही उठाते हैं। इसके लिए सरकारी कार्यालय की तरफ यानि PMO से कोई रकम खर्च नहीं की जाती है। आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सब्बरवाल ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी।
मांगी गई सूचना व्यक्तिगत किस्म की है- PMO
पीएमओ ने अपने जवाब में स्पष्ट रूप से कहा था कि मांगी गई सूचना व्यक्तिगत किस्म की है और इसे सरकारी रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया जाता है। पीएमओ ने जवाब में यह भी कहा कि पीएम के निजी लिबास पर खर्च की गई राशि सरकार वहन नहीं करती है।
9 दिसंबर 2017को की थी आरटीआई
सूचना के अधिकार के तहत इस जवाब के बाद आरटीआई कार्यकर्ता सब्बरवाल ने कहा, ‘बहुत से लोगों को अब तक ऐसा लगता है कि पीएम मोदी के कपड़ों पर सरकारी खजाने से बड़ी रकम खर्च की गई है। आरटीआई से मिली जानकारी से लोगों का यह भ्रम दूर होगा। मैंने लोगों तक सही संदेश पहुंचाने के लिए 9 दिसंबर 2017 को यह आरटीआई दी थी जिसका जवाब आपके सामने है’।…Next
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