प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 फरवरी को चार देशों की यात्रा के लिए रवाना हो गए। इनमें जोर्डन, फलस्तीन, यूएई और ओमान शामिल हैं। खाड़ी देशों में शामिल यूएई और ओमान कई लिहाज से भारत के लिए खास हैं। इसके अलावा जहां तक फलस्तीन की बात है, यहां से भारत का व्यापारिक से ज्यादा दोस्ताना संबंध है। कूटनीतिक लिहाज से मोदी की यह यात्रा बहुत अहमियत वाली मानी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी आज दुनिया के लोकप्रिय नेताओं में शुमार हैं। इसके पीछे उनकी अनुशासित दिनचर्या की अहम भूमिका है। चार देशों की यात्रा पर जाने से पहले पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में अपनी दिनचर्या के बारे में खुलासा किया है। अपनी दिनचर्या में पीएम लोगों की शिकायतों और प्रशंसा पर भी नजर रखते हैं। आइये आपको बताते हैं कि पीएम मोदी की दिनचर्या क्या है और वे कैसे लोगों की शिकायतों और प्रशंसा पर नजर रखते हैं।
इंटरव्यू के दौरान दिनचर्चा के बारे में बताते हुए मोदी ने चार से छह घंटे की नींद लेने की बात कही। उन्होंने बताया कि बिस्तर पर जाते ही मैं सो जाता हूं। रोजाना गहरी नींद लेता हूं। सोते समय किसी चीज की टेंशन नहीं लेता। सुबह उठने पर ताजगी के साथ नए दिन का स्वागत करता हूं। पीएम मोदी ने बताया कि वे दिन की शुरुआत योग से करते हैं। योग के बाद वे सुबह-सुबह नरेंद्र मोदी ऐप पर नागरिकों की टिप्पणियां और प्रतिक्रियाओं को देखते हैं। इससे देश भर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलती है। बता दें कि नरेंद्र मोदी ऐप पर लोग पोस्ट पर कमेंट के जरिये शिकायत, नाराजगी और प्रशंसा आदि करते हैं।
सोने से पहले देखते हैं दस्तावेज
प्रधानमंत्री मोदी का सुबह का कुछ समय अखबार पढ़ने, ई-मेल चेक करने और कुछ फोन कॉल्स पर खर्च होता है। रात को बिस्तर पर जाने से पहले वे अपने पास आए सभी दस्तावेज को देखते हैं। इसके बाद अगले दिन की बैठकों की तैयारी की प्लानिंग करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू में खुद को खाने का बहुत शौकीन तो नहीं बताया, लेकिन यह जरूर बताया कि वे सिर्फ साधारण शाकाहारी भोजन ही करते हैं। वे किन व्यक्तियों से प्रभावित हैं, इस सवाल के जवाब में नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, भगत सिंह, डॉ. भीमराव अंबेडकर और बेंजामिन फ्रैंकलिन का नाम लिया।
मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री रहने के दौरान नहीं ली छुट्टी
इस इंटरव्यू में छुट्टी के सवाल पर पीएम मोदी ने बताया कि मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान उन्होंने कोई छुट्टी नहीं ली। साथ ही यह भी बताया कि 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले वे भारत के प्रत्येक जिले का भ्रमण कर चुके थे। इस बारे में उनका कहना है कि इससे उन्हें भारत की सांस्कृतिक विविधता को जानने का मौका मिला। जनता के सुख-दुख और उनकी आकांक्षाओं के बारे में भी जानकारी मिली। उन्होंने अपनी चार देशों की यात्रा को लेकर कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा तथा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के मुद्दे पर खाड़ी देशों के नेताओं के साथ चर्चा होनी है। भारत के लिहाज से यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है…Next
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