प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय चीन दौरे पर वुहान शहर पहुंच गए हैं। आज पीएम और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होगी। पीएम मोदी के इस दौरे की खास बात ये है कि वो वहां किसी औपचारिक दौरे पर नहीं गए हैं। पीएम मोदी और जिनपिंग की इस मुलाकात को पिछले साल के डोकलाम विवाद के बाद इसे दोनों देशों के रिश्तों में विश्वास बहाली का एक अभूतपूर्व कदम माना जा रहा है। इस दौरान वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ व्यापारिक असंतुलन और चीन में भारत के निर्यात को बढ़ावा देने को लेकर बात कर सकते हैं। वैसे दोनों नेताओं के बीच क्या और किन मुद्दों को लेकर बात होगी, इसका कोई एजेंडा तय नहीं है।
करीब 30 साल बाद भारत-चीन के बीच इतिहास खुद को दोहराएगा
1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे और चीन के नेता डेंग जिओपिंग से मिले थे तो भारत-चीन के रिश्तों की जमी बर्फ पिघली थी। 2018 भारत और चीन को वो मौका दोबारा दे रहा है। वुहान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात का आइडिया पिछले साल हुई ब्रिक्स समिट के दौरान सामने आया था। डोकलाम की तनातनी के फौरन बाद मोदी और जिनपिंग चीन के श्यामेन शहर में एक दूसरे से मिले थे।
मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात एक अच्छा कदम
वुहान में मोदी-जिनपिंग की मुलाकात जून में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से पहले हो रही है। ये शिखर सम्मेलन चीन के किंगदाओ शहर में होगा। वुहान में मोदी-जिनपिंग की मुलाकात हो, इससे पहले भारत ने संबंधों को सामान्य करने के लिए बड़ी कोशिशें की हैं। मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात को तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा ने भी एक अच्छा कदम बताया है। मोदी और जिनपिंग की मुलाकात अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, द्विपक्षीय और क्षेत्रीय संबंधों के लिहाज से अहम है। हालांकि चीन और भारत के बीच व्यापार असंतुलन है, भारत की कोशिश होगी कि इसे दूर किया जाए।
पीएम मोदी की चौथी चीन यात्रा
साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा है। इसके बाद वह 9 और 10 जून को क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन जा सकते हैं।
कई आला अधिकारियों से मिलेंगे
पीएम मोदी इस दौरान चीम के आला अधिकारियों से मिलेंगे साथ ही, चीन के सबसे अच्छे म्यूजियम की यात्रा और एक मनमोहक झील के किनारे रात्रि भोज शामिल है और बोट यात्रा का आनंद लेंगे। वहीं चीनी सेना भी इस यात्रा को अच्छे तौर और दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को स्थिर बना सकता है।
आयात में हुई है बढ़ोत्तरी
पिछले साल भारत ने चीन से 68 अरब डॉलर (करीब 4522 अरब रुपये) का सामान आयात किया। इसमें साल-दर-साल 16.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दोनों देशों के बीच दो तरफा व्यापार 2014 में 70 अरब डॉलर से बढ़कर पिछले साल 84.4 अरब डॉलर (करीब 5612 अरब रुपये) पर पहुंच गया। इस दौरान इसमें 20 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।…Next
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