देश की सियासत में परिवारवाद और वंशवाद हावी है, यह बात पिछले दिनों सुर्खियों में रही। कुछ लोगों ने इसके पक्ष, तो कइयों ने इसके खिलाफ अपनी राय रखी थी। खैर, इन बातों को दरकिनार करते हुए कांग्रेस पार्टी बतौर अध्यक्ष राहुल गांधी की ताजपोशी में जुटी है। सोमवार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के बाद राहुल का अध्यक्ष चुना जाना लगभग तय है। राहुल के रूप में नेहरू-गांधी परिवार की यह पांचवीं पीढ़ी होगी, जो कांग्रेस पार्टी की कमान अपने हाथों में लेगी। राहुल इस परिवार के छठे व्यक्ति होंगे, जिनके हाथ में पार्टी की कमान जाएगी। राहुल गांधी से पहले मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहे। आइये आपको बताते हैं कि कब से कब तक किसका कार्यकाल रहा।
मोतीलाल नेहरू
कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर नेहरू-गांधी परिवार में सबसे पहले मोती लाल नेहरू को पार्टी की कमान मिली। मोतीलाल नेहरू दो बार कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे। पहली बार सन् 1919 में कांग्रेस के अमृतसर अधिवेशन में मोतीलाल को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद दूसरी बार 1928 में कोलकाता अधिवेशन में मोतीलाल को कांग्रेस पार्टी की कमान सौंपी गई।
जवाहरलाल नेहरू
मोतीलाल नेहरू के बाद जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली। जवाहरलाल इस परिवार की दूसरी पीढ़ी के नेता थे, जो कांग्रेस अध्यक्ष बने। वे पार्टी के विभिन्न अधिवेशनों में 8 बार कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए। जवाहरलाल नेहरू पहली बार 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्ष बनाए गए। इसके बाद 1930, 1936, 1937, 1951, 1952, 1953 और 1954 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
इंदिरा गांधी
जवाहरलाल के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कमान अपने हाथों में ली। बतौर कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा, नेहरू-गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी थीं। इंदिरा को चार बार कांग्रेस की कमान सौंपी गई। वे पहली बार 1959 में कांग्रेस के दिल्ली के विशेष सेशन में अध्यक्ष बनीं। दोबारा पांच साल के लिए 1978 से 83 तक दिल्ली के अधिवेशन में अध्यक्ष चुनी गईं। इसके बाद 1983 और 1984 के कोलकाता अधिवेशन में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष की कमान अपने हाथों में ली।
राजीव गांधी
राजीव गांधी ने नेहरू-गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी के तौर पर कांग्रेस की कमान संभाली। राजीव पार्टी के सबसे युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। इंदिरा की मौत के बाद राजीव कांग्रेस के अध्यक्ष बने और 1985 से 1991 तक इस पद पर रहे। राजीव की हत्या के बाद कुछ वर्षों के लिए पार्टी अध्यक्ष का पद इस परिवार से दूर हो गया।
सोनिया गांधी
राजीव की हत्या के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया से बिना पूछे उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा कर दी। हालांकि, सोनिया ने इसे स्वीकार नहीं किया और कभी भी राजनीति में न आने की कसम खाई। मगर बाद में कांग्रेस की लगातार खराब होती हालत देखकर सोनिया ने पार्टी के बड़े नेताओं के दबाव में 1997 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। इस तरह नेहरू-गांधी परिवार की पांचवीं सदस्य के रूप में वे कांग्रेस अध्यक्ष बनीं। सोनिया 1998 से लेकर अभी तक पार्टी की अध्यक्ष हैं।
राहुल गांधी
नेहरू-गांधी की पांचवीं पीढ़ी के रूप में अब राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने की राह पर हैं। अब कांग्रेस का भविष्य राहुल के हाथों में होगा। राहुल के सामने पार्टी को फिर से खड़ा करने और सत्ता में वापसी की चुनौती होगी…Next
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