गांधी परिवार हमेशा से ही चर्चा में रहता है तो फिर जाहिर सी बात है कि गांधी परिवार में कोई शादी हो और वो चर्चा का हिस्सा ना बने ऐसा कैसे हो सकता है. भारत की पूर्व प्रधानमंत्री रह चुकी इंदिरा गांधी की पोती और राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी की शादी भी इसीलिए काफी चर्चा में रही थी. 18 फरवरी, 1997 को प्रियंका गांधी ने रॉबर्ट वाड्रा से शादी की पर इस शादी के साथ ही खबरों में यह सिलसिला भी शुरू हो गया कि आखिरकार रॉबर्ट वाड्रा हैं कौन?
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रॉबर्ट वाड्रा बने खबरों का हिस्सा
प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की शादी शुरुआती समय में ही विवादों में फंस गई थी क्योंकि रॉबर्ट वाड्रा का परिवार प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की शादी के खिलाफ था. रॉबर्ट वाड्रा एक कारोबारी परिवार से संबंध रखते हैं और उनका दरअसल हैंडीक्राफ्ट आइटम्स और कस्टम आभूषणों का कारोबार है और उनकी कंपनी का नाम है आर्टेक्स एक्सपोर्ट्स और इसके साथ ही रॉबर्ट वाड्रा के अन्य व्यवसाय भी हैं.
रॉबर्ट वाड्रा का परिवार
रॉबर्ट वाड्रा का ज्न्म 18 अप्रैल, 1969 को उत्तर प्रदेश के मुदाराबाद शहर में हुआ. रॉबर्ट वाड्रा के पिता का नाम राजेंद्र वाड्रा है पर 2009 में उनके पिता की हृदयगति रुक जाने से मृत्यु हो गई और अब रॉबर्ट वाड्रा की मां ही उनके साथ रहती हैं. रॉबर्ट वाड्रा की मां स्कॉटलैंड की रहने वाली हैं पर मूल रूप से रॉबर्ट वाड्रा के परिवार का संबंध पाकिस्तान से है. भारत विभाजन के समय रॉबर्ट वाड्रा का परिवार भारत आकर बस गया था.
रॉबर्ट वाड्रा के परिवार में हादसों का सिलसिला हमेशा चलता ही रहा है. 2001 में उनकी बहन की कार दुर्घटना में मौत हो चुकी है और 2003 में उनके भाई ने आत्महत्या की थी. कहा जाता है कि रॉबर्ट वाड्रा को अपनी मां से बेहद ही प्रेम है. रॉबर्ट वाड्रा की 1991 में प्रियंका गांधी से मुलाकात हुई थी और फिर दोनों ने 18 फरवरी, 1997 में शादी कर ली. रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी के एक बेटा और एक बेटी हैं.
रॉबर्ट वाड्रा: विवादों से घिरे
रॉबर्ट वाड्रा के जीवन में विवादों का सिलसिला तब ही शुरू हो गया था जब रॉबर्ट वाड्रा का नाम गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी से जुड़ा था. रॉबर्ट वाड्रा के पिता हमेशा से ही प्रियंका गांधी से उनकी शादी के खिलाफ रहे थे जिस कारण रॉबर्ट वाड्रा और उनके पिता के बीच के रिश्ते में दूरी आ गई और अपने पिता के साथ संबंध बिगड़ने पर रॉबर्ट वाड्रा सुर्खियों में आ गए. एक दौर ऐसा भी आया जब 2001 में उन्होंने एक सार्वजनिक बयान देकर खुद को अपने पिता से अलग कर लिया.
रॉबर्ट वाड्रा की राजनीतिक मंशा
गांधी परिवार से नाता जुड़ जाने के बाद तो हो ही नहीं सकता कि ज्यादा समय तक राजनीति से दूरी बनाई जा सके. गांधी परिवार के बेटे राहुल गांधी जब उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे थे तो रॉबर्ट वाड्रा ने राहुल गांधी का साथ दिया. रॉबर्ट वाड्रा ने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों में पत्नी प्रियंका के साथ अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार में भी हिस्सा लिया. कहा जाता है कि रॉबर्ट वाड्रा तब भी विवादों में फंसे थे जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी बाइक रैली को एक आईएएस अधिकारी ने रोक दिया था. बाद में उस आईएएस अधिकारी का तबादला एक बार फिर उन्हें विवादों में ले आया. रॉबर्ट वाड्रा ने शायद कभी भी खुलकर अपनी राजनीतिक मंशा को नहीं जताया है पर इस बात में भी कोई शक नहीं है कि रॉबर्ट वाड्रा अपना भविष्य कांग्रेसी राजनेता के रूप में देख रहे हैं.
केजरीवाल का निशाना: रॉबर्ट वाड्रा
अरविंद केजरीवाल जहां अन्ना हजारे से अलग हो अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए खबरों में नजर आ रहे थे लेकिन आजकल अरविंद केजरीवाल ने सीधा निशाना सोनिया गांधी के दामाद पर साधा है. अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और उनके पिता शांति भूषण ने रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप लगाया है कि एक बड़े रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ़ समूह ने गलत तरीकों से रॉबर्ट वाड्रा को 300 करोड़ रुपयों की संपत्तियां कौड़ियों के दामों में दे दीं. अरविंद केजरीवाल के रॉबर्ट वाड्रा पर यह आरोप लगाने के बाद यूपीए गठबंधन और उसकी समर्थक पार्टियां सोनिया गांधी के दामाद को बचाने में लगी हैं.
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