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ManohaR Joshi – शिव सेना के नेता मनोहर जोशी

manohar joshiमनोहर जोशी का जीवन परिचय

शिव सेना के प्रतिष्ठित नेता और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी का जन्म 2 अक्टूबर, 1937 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के नंदावी गांव में हुआ था. निम्न मध्यम वर्गीय देशस्थ ब्राह्मण परिवार से संबंधित मनोहर जोशी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. परिवार के आर्थिक हालात अच्छे ना होने के कारण मनोहर जोशी अपनी शिक्षा के लिए संबंधियों पर निर्भर रहते थे. मनोहर जोशी ने मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक, स्नातकोत्तर और कानून की उपाधि ग्रहण की. मनोहर जोशी के परिवार में पत्नी अनघ जोशी और तीन बच्चे हैं.


कोहिनूर की स्थापना

स्नातकोत्तर और कानून की परीक्षा पूरी करने के बाद मनोहर जोशी ने बंबई नगर निगम में काम करना प्रारंभ किया. लेकिन उनके भीतर एक सफल उद्यमी बनने की काबिलियत और इच्छा साफ देखी जा सकती थी. फलतः मनोहर जोशी ने कोहिनूर नामक एक तकनीकी और व्यवसायिक प्रशिक्षण संस्थान की शुरूआत की. 70 के दशक में इसके विषय में सोच पाना भी मुश्किल था. इस संस्थान में अल्प-दक्ष युवाओं को इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, गाड़ी और स्कूटर ठीक करना, फोटोग्राफी आदि से संबंधित कार्य सिखाया जाता था, ताकि वे अपने जीवन में व्यवस्थित रूप से निर्वाह कर सकें. उनके इस प्रयास ने महाराष्ट्र के युवाओं में उन्हें अत्याधिक लोकप्रिय बना दिया. इतना ही नहीं मराठियों में  शिव सेना की नीतियां और आदर्श भी बहुद हद तक स्वीकार्य हो गए. मनोहर जोशी के प्रयासों द्वारा कुछ ही वर्षों में कोहिनूर ने नासिक, नागपुर, पुणे में अपनी शाखाएं स्थापित कर ली. मनोहर जोशी ने प्रतिष्ठित संस्थान कोहिनूर बिजनेस स्कूल और कोहिनूर आईएमआई (हॉस्पिटेल्टी) की भी स्थापना की है.


मनोहर जोशी का राजनैतिक सफर

शिव सेना से महाराष्ट्र की विधान परिषद में चयनित होने के बाद मनोहर जोशी के राजनैतिक कॅरियर की शुरूआत हुई. वर्ष 1976-1977 तक वह मुंबई के मेयर भी रहे. वर्ष 1990 में मनोहर जोशी शिव सेना के टिकट पर महाराष्ट्र विधान सभा में शामिल हुए. 1995 के विधानसभा चुनावों में जब शिव सेना और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुई तब मनोहर जोशी राज्य के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बनाए गए. 1999 के आम चुनावों में सेंट्रल मुंबई से जीतने के बाद मनोहर जोशी लोकसभा पहुंचे. 2002-2004 तक मनोहर जोशी लोकसभा के अध्यक्ष रहे. अगली बार इसी क्षेत्र से एक कांग्रेस प्रतिद्वंदी से हार जाने के बाद मनोहर जोशी 20 मार्च, 2006 को छ: वर्ष के लिए राज्यसभा सदस्य चुने गए.


मनोहर जोशी के विषय में माना जाता है कि वे शिव सेना में अपनी पहुंच का गलत फायदा उठाते हैं. नारायण राणे ने मनोहर जोशी पर आक्षेप लगाया था कि वह शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे से किसी को मिलने नहीं देते. वर्ष 1991 में मनोहर जोशी को पार्टी में अत्याधिक महत्व दिया जाने लगा तो इससे नाराज होकर छगन भुजबल ने पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया था. मनोहर जोशी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे और नेशनल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से सौहार्दपूर्ण व्यक्तिगत और व्यायसायिक संबंध रखते हैं.


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