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Pawan Kumar Chamling – सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग

pawan kumar chamlingपवन कुमार चामलिंग का जीवन-परिचय

सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट जैसी क्षेत्रीय राजनैतिक पार्टी के संस्थापक और सिक्किम के पांचवें मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग का जन्म 22 सितंबर, 1950 को सिक्किम के एक छोटे और बेहद पिछ्ड़े गांव यंगयंग में हुआ था. पवन कुमार चामलिंग ने केवल चौथी कक्षा तक ही पढ़ाई की है. वर्ष 1972 में राजनीति में आने से पहले वह किसान और प्रथम श्रेणी के ठेकेदार रह चुके हैं. पवन कुमार चामलिंग नेपाली भाषा के एक सम्माननीय लेखक हैं. इनका साहित्यिक नाम पवन कुमार चामलिंग ‘किरण’ है. टिका माया चामलिंग इनकी दूसरी पत्नी हैं.


पवन कुमार चामलिंग का व्यक्तित्व

पवन कुमार चामलिंग राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छे लेखक भी हैं. लंबे अरसे से राजनीति से जुड़े होने के कारण पवन कुमार चामलिंग को राजनीति की अच्छी समझ है.


पवन कुमार चामलिंग का राजनैतिक सफर

पवन कुमार चामलिंग वर्ष 1973 में सक्रिय राजनीति से जुड़ गए थे. अपने राजनैतिक कॅरियर की शुरूआत में वह सिक्किम प्रजातंत्र पार्टी के सदस्य बने. वर्ष 1982 में वह यंगयंग ग्राम पंचायत के अध्यक्ष बनाए गए. वर्ष 1985 में पवन कुमार चामलिंग ने पहली बार सिक्किम विधान सभा चुनावों में जीत दर्ज की. वर्ष 1989 में दमथांग निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद वह दूसरी बार विधानसभा पहुंचे. उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी की कैबिनेट में उद्योग मंत्रालय और सूचना एवं जन-संपर्क मंत्रालय प्रदान किया गया. सिक्किम की राजनीति में कई अच्छे-बुरे दौर से गुजरने के बाद पवन कुमार चामलिंग ने वर्ष 1993 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट की स्थापना की. 1994 के चुनावों में जीतने के बाद सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पहली बार सत्ता में आया था. वर्ष 1994 के चुनावों से लेकर 2009 के चुनावों तक पवन कुमार चामलिंग लगातार चार विधानसभा चुनावों में विजयी होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए हैं.


पवन कुमार को दिए गए सम्मान

  • वर्ष 2010 में पवन कुमार चामलिंग को पंग ल्हाब्सल समिति द्वारा थिकोंग अम्बेसडर ऑफ पीस का सम्मान प्रदान किया गया.
  • सिक्किम साहित्य परिषद द्वारा वर्ष 2010 में पवन कुमार को भानु पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
  • वर्ष 2009 में यूनिवर्सल पीस फेडरेशन द्वारा चामलिंग को लीडरशिप एंड गुड गवर्नेंस अवार्ड प्रदान किया गया.
  • 2003 में सिक्किम मनिपाल यूनिवर्सिटी द्वारा इन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया.
  • कोलकाता की पोएट फाउंडेशन ने चामलिंग को वर्ष 2002 में पुरस्कार से नवाजा.
  • इंस्टिट्यूट ऑफ इकोनॉमिक स्टडीज द्वारा पवन कुमार चामलिंग को वर्ष 1999 में मानव सेवा पुरस्कार प्रदान किया गया.
  • वर्ष 1996 में पवन कुमार चामलिंग को भारत के उपराष्ट्रपति ने भारत शिरोमणि की उपाधि से सम्मानित किया.
  • 1987 में चामलिंग को सिक्किम साहित्य परिषद द्वारा चिंतन पुरस्कार प्रदान किया गया.

पवन कुमार चामलिंग की उपलब्धियां और योगदान

  • पवन कुमार चामलिंग ने राज्य के भीतर परिवार नियोजन को बढ़ावा देने और महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कई प्रभावकारी प्रयास किए हैं. राज्य स्तर पर उन्होंने नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में महिलाओं के 50% आरक्षण की व्यवस्था लागू की है. इसके अलावा विकलांगों को भी 3 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है.
  • शिक्षा के प्रति नागरिकों में रुझान उत्पन्न करने के लिए पवन कुमार चामलिंग ने कॉलेज स्तर तक मुफ्त शिक्षा और पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों को मुफ्त किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म भी प्रदान की जाती हैं.

पवन कुमार चामलिंग की साहित्यिक रचनाएं

  • बीर को परिचय – पहली प्रकाशित कविता (1967)
  • प्ररमविक कविता हारू – 1970 से 1978 तक की कविताओं का संकलन
  • अंतहीन सपना: मेरो बिपना – 1979 से 1985 तक का काव्य संकलन
  • मो को हुन – 1986-1992 तक का काव्य संकलन
  • पेरेनियल ड्रीम्स एंड माइ रियलटी
  • क्रुसिफाइड प्रश्न और अन्य कविताएं
  • प्रतिबाद
  • सिक्किम रा प्रजातंत्र
  • सिक्किम रा नरिको मर्यादा

इसके अलावा पवन कुमार चामलिंग निर्माण जो कि एक साहित्यिक पत्रिका है, उसके संपादन और प्रकाशन का काम भी देखते हैं. जल्द ही निर्माण पब्लिकेशन ने निर्माण के प्रकाशन का काम अपने हाथ में ले लिया. पिछ्ले उन्नीस वर्षों से यह प्रकाशन संस्थान नए लेखकों के अलावा कई प्रसिद्ध और लोकप्रिय लेखकों की 100 से अधिक किताबों का प्रकाशन कर चुकी है.


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