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सपा-बसपा की दोस्ती मजबूत करने में जुटे हैं अखिलेश, अब ऐसे देंगे मायावती को तोहफा!

उत्‍तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव के दौरान सपा-बसपा का साथ आना राजनीति गलियारों की चौंकाने वाली खबर थी। एक-दूसरे की धुर विरोधी इन दोनों पार्टियों ने साथ आकर सियासी पंडितों को हैरान किया। हालांकि, उपचुनाव से ही इस गठबंधन को लेकर ये चर्चाएं रहीं कि सपा-बसपा का साथ लंबा नहीं चलेगा। मगर दूसरी ओर ये दोनों ही पार्टियां अपनी इस दोस्‍ती को लगातार मजबूत बनाने में जुटी हैं। उत्‍तर प्रदेश में राज्‍यसभा चुनाव में बसपा की हार के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि गठबंधन टूट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब एक बार फिर सपा प्रमुख अखिलेश यादव बसपा से अपनी दोस्‍ती मजबूत करने के लिए मायावती को एक राजनीतिक तोहफा देने की तैयारी में हैं। आइये आपको इसके बारे में विस्‍तार से बताते हैं।

 

 

विधान परिषद चुनाव में बसपा को समर्थन का फैसला

सपा-बसपा की दोस्ती को मजबूत करने के लिए अखिलेश यादव लगातार कोशिश में लगे हैं। राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार भीमराव अांबेडकर की हार की भरपाई करने के लिए अब सपा ने विधान परिषद चुनाव में बसपा को समर्थन करने का फैसला किया है। यह अखिलेश की ओर से मायावती को तोहफा है, ताकि भविष्य में दोनों दलों के गठबंधन पर कोई आंच न आ सके। उत्तर प्रदेश की 13 विधान परिषद सीटों के लिए 26 अप्रैल को चुनाव होने हैं। मौजूदा विधायकों के सहारे भाजपा की 11 और विपक्ष की 2 सीटों पर जीत तय मानी जा रही है। इस तरह से सपा एक और एक सीट विपक्ष एकजुट होकर अपने उम्मीदवार को जिता सकता है।

 

 

अखिलेश समेत 13 सदस्‍यों का कार्यकाल हो रहा खत्‍म

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि विधान परिषद के चुनाव में समाजवादी पार्टी बसपा प्रत्याशी का समर्थन करेगी। सपा ने बसपा को 1 सीट पर समर्थन देने का निर्णय किया है। सपा के इस एलान के बाद साफ है कि बसपा उम्मीदवार का विधान परिषद पहुंचना तय है। बता दें कि सपा से अखिलेश यादव, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम, उमर अली खान, मधु गुप्ता, रामसकल गुर्जर और विजय यादव की विधान परिषद का कार्यकाल पूरा हो रहा है। बसपा के विजय प्रताप सिंह और सुनील कुमार चित्तौड़, रालोद के चौधरी मुश्ताक, बीजेपी से मोहसिन रजा और महेंद्र कुमार सिंह का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसके अलावा सपा से बीएसपी में गए अंबिका चौधरी की खाली सीट पर चुनाव होना है। इस तरह यूपी में कुल 13 विधान परिषद सीटें खाली हो रही हैं।

 

 

एक सीट पर दिखी थी कांटे की टक्कर

गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में यूपी की 10 सीटों में से एक सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। भाजपा अपने 9 उम्‍मीदवारों को जिताने में कामयाब रही। सपा प्रत्‍याशी जया बच्‍चन को भी जीत मिली, लेकिन विपक्ष के समर्थन में बसपा के प्रत्‍याशी भीमराव अांबेडकर की हार हो गई थी। इस पर मायावती ने कहा था कि सपा की जगह बसपा होती, तो भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए हम अपने नहीं, बल्कि सहयोगी उम्मीदवार को जिताते। हालांकि, इससे सपा-बसपा गठबंधन पर कोई आंच नहीं आएगी। माना जा रहा है कि इसी भरपाई के लिए अखिलेश ने विधानपरिषद में बसपा प्रत्‍याशी के समर्थन का एलान किया है…Next

 

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