राजनीति में एक मुकाम हासिल करने के बाद उस राजनेता के परिवार और सगे-संबंधियों की स्थिति भी अच्छी होने लगती है। ऐसा ज्यादातर नेताओं के साथ होता है। सोचिये, अगर कोई मुख्यमंत्री बन जाए, तो वह अपने परिवार और सगे-संबंधियों को फर्श से अर्श पर पहुंचा देगा या नहीं। भारतीय राजनीति में ऐसे मामले खूब देखे जाते हैं। एक ओर जहां कई बड़े राजनेताओं, उनके परिवार और सगे-संबंधियों पर भी आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगते रहते हैं, वहीं दूसरी ओर देश में एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिनकी बहन फूल-माला बेचकर अपना गुजारा करती हैं। विश्वास नहीं हो रहा होगा, लेकिन ये बात सच है। वह कोई और नहीं, बल्कि देश के सबसे महत्वपूर्ण सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। इनकी बहन उत्तराखंड में एक छोटी सी दुकान चलाती हैं और उससे होने वाली कमाई से घर चलाती हैं।
पति के साथ मिलकर चलाती हैं दुकान
योगी आदित्यनाथ की बड़ी बहन शशि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में रहती हैं। पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में योगी और उनका बचपन बीता है। यहां से 30 किलोमीटर दूर कुठार गांव में योगी की बहन पति के साथ मिलकर एक बेहद छोटी दुकान चलाती हैं। इसमें वे माला-फूल, मैगी जैसी छोटी-मोटी चीजें बेचती हैं। मगर किसी को नहीं बताती हैं कि वे योगी की बहन हैं। शशि को एक बेटा और दो बेटियां हैं।
11 फरवरी को हुई थी योगी से मुलाकात
विधानसभा चुनाव के दौरान फरवरी में योगी आदित्यनाथ यमकेश्वर गए थे, जहां शशि की उनसे मुलाकात हुई थी। हालांकि इस दौरान योगी ने उनसे कोई बातचीत नहीं की थी। हां, परिवार के बच्चों से जरूर बात की थी। शशि योगी से छह साल बड़ी हैं।
बचपन से ही गंभीर स्वभाव के थे योगी
शशि बताती हैं कि योगी बचपन से ही गंभीर स्वाभाव के थे। बचपन में कभी भी भाई-बहन में लड़ाई-झगड़ा नहीं होता था। 1991 में शादी के बाद शशि अपने ससुराल आ गईं और योगी आदित्यनाथ राम मंदिर आंदोलन से जुड़े। इसी दौरान वे महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए और गोरखपुर जाकर उनके शिष्य बन गए।
सभी साधुओं में ढूंढती थीं भाई योगी को
शशि को जब पता चला कि उनका भाई साधु बन गया, तो कुठार गांव आने वाले सभी साधुओं को ध्यान से देखती थीं कि कहीं वह उनका भाई तो नहीं है। उन्हें लगता था कि गांव में जैसे भिक्षा मांगने वाले होते हैं, वैसे ही उनका भाई भी होगा। हालांकि जब उन्हें पता चला कि उनका भाई गोरखुपर का महंत बन गया है, तब उन्होंने दूसरे साधुओं में अपने भाई को ढूंढना बंद कर दिया।
यूपी से आने वाले लोगों से लेती हैं भाई की खबर
जब कोई यात्री उत्तर प्रदेश से आता है, तो शशि उससे भाई योगी का हाल जान लेती हैं। वे यूपी के लोगों से पूछती हैं कि आपके मुख्यमंत्री कैसे हैं, अच्छा काम कर रहे हैं या नहीं। हालांकि वे यह नहीं बताती हैं कि योगी आदित्यनाथ उनके छोटे भाई हैं।
Read More:
अब तक तीन रेलमंत्री दे चुके हैं ‘नैतिक’ इस्तीफा, पर एक बड़े नेता का इस्तीफा नहीं हुआ था मंजूरतमिलनाडु की राजनीति में 'किस्सा दिनाकरन का'पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन कभी थे गहरे दोस्त, जानें क्यों टूटी दोस्ती
Read Comments