यूपी में जैसे-जैसे चुनाव करीब आते जा रहे हैं सभी पार्टियां अपने चुनाव प्रचार में पूरा-पूरा जोर लगा रही हैं. इस बार यूपी चुनाव इसलिए भी खास माने जा रहे हैं क्योंकि इस बार समाजवादी पार्टी और बीजेपी एक ही खेमे में दिख रही हैं जबकि भाजपा यूपी की जनता को रिझाने के लिए नए-नए हथकड़े अपना रही है लेकिन क्या आप जानते हैं 403 सीट में से एक सीट ऐसी भी हैं जिसे जीतने वाली पार्टी चुनाव भी जीत जाती है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि भारतीय राजनीति के चुनावी नतीजे कह रहे हैं. ये वहीं सीट है जिसे जो भी पार्टी जीतती है उसकी सरकार बनती है. ये सीट है सुल्तानपुर. यही कारण है कि अखिलेश ने इस सीट से ही चुनाव प्रचार की शुरूआत की है.
1969 से शुरू हुई थी कहानी
इस सीट के ‘भाग्यशाली’ होने की कहानी 1969 से शुरू होती है, जब कांग्रेस के श्यो कुमार ने यहां से जीत हासिल की और पार्टी ने प्रदेश में सरकार बनाई. 1974 में भी कुमार यहां से जीते और कांग्रेस की सत्ता बरकरार रही. 1977 में जब पूरे देश में जनता पार्टी की लहर थी, जयसिंहपुर से भी जनता पार्टी के प्रत्याशी मकबूल हुसैन खान विजयी हुए और कांग्रेस प्रदेश की सत्ता से बेदखल हो गई.
1992 में गिर गई थी बीजेपी की सरकार
1980 में यह सीट फिर कांग्रेस के पास चली गई. पार्टी के उम्मीदवार देवेंद्र पांडे ने यह सीट जनता पार्टी से छीनी और कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो गई. 1985 में भी यही कहानी दोहराई गई, कांग्रेस का ही विधायक और कांग्रेस की ही सरकार. जयसिंहपुर सीट से 1989 में जनता दल का उम्मीदवार चुनाव जीता और प्रदेश में पार्टी की सरकार बनी.
1991 में पहली बार यह सीट बीजेपी के खाते में आई और पार्टी पहली बार यूपी की सत्ता पर काबिज हुई. 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद बीजेपी की सरकार गिर गई और अगले साल हुए उपचुनाव में जयसिंहपुर के लोगों ने समाजवादी पार्टी से अपना विधायक चुना. समाजवादी पार्टी ने बीएसपी के साथ गठबंधन कर यूपी पर राज किया. इसके बाद 1996 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के प्रत्याशी राम रतन यादव ने यह सीट जीती, पर प्रदेश में किसी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला.
छह महीने बाद बीएसपी और बीजेपी ने अपने पहले गठबंधन के तहत यूपी में सरकार बनाई. 2002 के चुनाव में भी यह सीट बीएसपी के ही पास रही और फिर से बीएसपी-बीजेपी की गठबंधन सरकार ने सत्ता अपने हाथों में ली. अपनी जीत के सिलसिले को कायम रखते हुए 2007 के चुनाव में भी बीएसपी ने यह सीट अपने नाम की और प्रदेश में सरकार बनाई. 2012 में समाजवादी पार्टी के युवा नेता अरुण कुमार वर्मा यहां से चुने गए और अखिलेश यादव के नेतृत्व में यूपी में एसपी की सरकार बनी.
अब देखना ये है कि इस बात इस सीट पर कौन-सी पार्टी काबिज होती है…Next
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