पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कई खास बातें देखने को मिली. जहां एक ओर ‘कांग्रेस मुक्त देश’ का नारा हकीकत में बदलता हुआ दिखा वहीं दूसरी ओर असम में पहली बार कमल खिलता हुआ दिखाई दिया. वहीं क्षेत्रीय दलों के शानदार प्रदर्शन ने एक बार फिर लोहा मनवाया लेकिन चुनावी पत्तों से अलग एक सच ये भी है कि इस चुनाव में ऐसे कई कैंडिडेटस (उम्मीदवार) थे, जिनका क्रिमिनल बैकग्राउंड रहा है और उन्होंने जीत दर्ज की. ऐसे में इन आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों की जीत को देखकर हर जागरूक नागरिक के मन में एक सवाल आना लाजिमी है कि ऐसे दागी उम्मीदवारों को टिकट ही क्यों दिया जाता है. चलिए, हम आपको बताते हैं ऐसे जीते हुए कैंडिडेटस के बारे में, जिनपर क्रिमिनल केस पेंडिग है.
पन्नीरसेल्वम, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
(कुड्डालोर, तमिलनाडु)
जयललिता के जेल जाने के दौरान उनकी गद्दी संभालने वाले भरोसमंद पन्नीरसेल्वम पर आईपीसी की धारा-171H का मामला दर्ज है जिसके अंतगर्त एक चुनाव के संबंध में अवैध भुगतान से संबंधित मामला आता है. इसके अलावा उनपर भारतीय दंड संहिता की धारा 109 और 188 भी दर्ज है.
कदकमपल्ली सुरेन्द्रन, सीपीआई (एम)
कजहाकूट्टम, केरल
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस जीते हुए उम्मीदवार पर 45 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जालसाजी से सम्बधित धारा 232, दंगे (धारा-147), घातक हथियारों से लैस (धारा-148) आदि मामले मुख्य हैं.
भारत आने वाले विदेशी पर्यटक क्यों जाना चाहते हैं इस गांव में
एम स्वराज, सीपीआई (एम)
थ्रिप्पुनिथुरा, केरल
सीपीआई (एम) पार्टी से जीत हासिल करने वाले इस उम्मीदवार पर 20 अपराधिक मामले दर्ज हैं. जिसमें अपराधिक धमकी (धारा-506), दंगे से संबंधित 18 आरोपों (आईपीसी की धारा-147), अश्लील हरकत और गीत संबंधित (आईपीसी की धारा-294) आदि गंभीर मामले दर्ज हैं.
अर्जुन सिंह, एआईटीसी
भतपारा, पश्चिम बंगाल
अर्जुन सिंह पर 11 अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें गैर इरादतन हत्या के प्रयास करने के लिए संबंधित आईपीसी की धारा-308, 8 दंगे के लिए सजा से संबंधित धारा-147, जानबूझकर अपमान से संबंधित और शांति भंग करने, भड़काने के लिए आईपीसी की धारा-504 समेत कई अन्य मामले दर्ज हैं.
इन 5 लोगों की वजह से गुलाम हुआ भारत, नहीं बन सका महाशक्ति
नारायण डेका, भाजपा
(नलबाड़ी, असम)
नारायण डेका की छवि हमेशा से इलाके में दबंग नेता के तौर पर रही है. डेका पर चोरी से संबंधित आईपीसी की धारा-379 दर्ज है.
ए.एन. शमशीर, सीपीआई (एम)
थालास्सेरी, केरल
शमशीर पर 34 गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें हत्या का प्रयास ( धारा-307), दंगे से संबंधित 32 आरोपों (आईपीसी की धारा-147), दंगों और घातक हथियार से लैस (आईपीसी की धारा-148) आदि मामले प्रमुख है.
अखिल गिरि, एआईटीसी
रामनगर, पश्चिम बंगाल
अखिल गिरि पर 8 आपराधिक मामले दर्ज है. जिनमें आपराधिक धमकी से संबंधित आईपीसी की धारा-506, हमला या आपराधिक बल से संबंधित आईपीसी की धारा-353, 3 दंगों से संबंधित आरोप, घातक हथियार से लैस आईपीसी की धारा-148 के साथ कई अन्य मामले दर्ज हैं.
अनीता आर राधाकृष्णन, डीएमके
तिरुचेंदूर, तमिलनाडु
अनीता पर 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिसमें अपनी पोजीशन का फायदा उठाकर धोखाधड़ी से संबंधित आईपीसी की धारा-419, जालसाजी से संबंधित आईपीसी की धारा 463, हत्या का प्रयास के लिए धारा 307 के साथ कई संगीन धाराएं अनीता पर दर्ज हैं.
कुशल डोवारी, भाजपा
थोवरा, असम
भाजपा के दिग्गज माने जाने वाले इस उम्मीदवार पर हत्या जैसे संगीन जुर्म के लिए धारा 302 दर्ज है. इसके अलावा उन पर 2 और आपराधिक मामले भी है.
अबुल कलाम रशीद आलम, कांग्रेस
गोलपाड़ा पूर्व, असम
कांग्रेस के इस उम्मीदवार पर भी हत्या का संगीन मामला दर्ज है. इसके अलावा कई छोटे-मोटे झगड़ों का भी रिकॉर्ड रहा है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि ये तो बस कुछ ही नेताओं का अपराधिक विवरण है. जिन्हें कल घोषित हुए नतीजों में जीत हासिल हुई है. इनके अलावा ऐसे उम्मीदवारों की संख्या भी कम नहीं है जो चुनाव में भले ही न जीते हो लेकिन पार्टी ने दागी होने पर भी उन्हें टिकट देने से कोई गुरेज नहीं किया. जरा सोचिए, देश में हर नेता ‘अपराधमुक्त भारत’ की बात करता है लेकिन दूसरी तरफ दागी नेता ही देश की बागडोर संभाले हुए हैं….Next
Read more
एक ऐसा मंदिर जिसमें नहीं कर सकते भ्रष्ट नेता-अधिकारी-न्यायाधीश प्रवेश
वैश्विक नेताओं की चर्चित तस्वीरें, किसी के चुंबन तो किसी के आलिंगन पर हुआ हो-हो
Read Comments