राज्यसभा के लिए राजनीतिक पार्टियों से आने वाले सदस्यों को लेकर सियासी गणित लंबे समय से चर्चा में है। अब कला, संस्कृति, साहित्य एवं समाजसेवा के क्षेत्र से मनोनीत किए जाने वाले सदस्यों को लेकर भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। दरअसल, राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किए जाने वाले राज्यसभा के ऐसे ही तीन सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है। इन तीनों सीटों पर इन्हीं क्षेत्रों की शख्सियत को मनोनीत किया जाना है, जिनमें अभिनेता अक्षय कुमार समेत कुछ अन्य सितारों के नाम सुर्खियों में हैं। आइये आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
सचिन, रेखा और अनु आगा का कार्यकाल हो रहा खत्म
राष्ट्रपति की ओर से कला, संस्कृति, साहित्य एवं समाजसेवा के क्षेत्र से राज्यसभा के लिए मनोनीत की जाने वाली 12 हस्तियों में से तीन का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो जा रहा है। ये तीनों हस्तियां मुंबई में ही रहती हैं, जिनमें क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर, फिल्म अभिनेत्री रेखा और व्यवसायी अनु आगा शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब इनकी सीटों पर जगह पक्की करने के लिए फिल्म इंडस्ट्री और लेखकों के बीच होड़ शुरू हो गई है। खबरों की मानें, तो बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया है कि राज्यसभा में खाली होने वाली रेखा की सीट हासिल करने के लिए कई फिल्मी सितारों ने पार्टी हाईकमान के पास खुद गुहार लगाई है। वहीं, कुछ ने बड़े मंत्रियों के माध्यम से सिफारिश की अर्जी लगवाई है।
अक्षय कुमार, जूही चावला और गजेंद्र चौहान का नाम आगे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूत्रों की मानें तो पार्टी के गलियारों में सितारों के नामांकन को लेकर फिलहाल अक्षय कुमार, जूही चावला और गजेंद्र चौहान का नाम आगे चल रहा है। हालांकि, सलमान खान के पिता सलीम खान, विवेक ओबेरॉय के पिता सुरेश ओबेरॉय, ऋषि कपूर, जैकी श्रॉफ, वहीदा रहमान, आशा पारेख, मधुर भंडारकर और अनुपम खेर के नामों की भी सिफारिश पार्टी और सरकार तक पहुंची है।
अक्षय नहीं, तो उनकी सास डिंपल को मिल सकता है मौका
खबरों की मानें, तो महिलाओं के लिए शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान और शहीद जवानों के लिए धनसंग्रह में सक्रियता से देश के प्रति अपना प्रेम दिखाने वाले अक्षय कुमार राज्यसभा में प्रवेश पा सकते हैं। बताया जा रहा है कि अगर अक्षय की कनाडा की नागरिकता को लेकर उनके राज्यसभा जाने में कोई परेशानी आई, तो अक्षय की सास डिंपल कपाड़िया के नाम पर विचार हो सकता है। वे अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और गुजरातीभाषी भी हैं।
गजेंद्र चौहान भी प्रबल दावेदार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गजेंद्र चौहान भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें संघ परिवार का समर्थन है। फिल्म इंस्टिट्यूट पुणे का अध्यक्ष पद संभालने, कैग की रिपोर्ट में उनके काम की सराहना और नॉर्थ-ईस्ट में बीजेपी के पक्ष में प्रचार यात्राएं उनके लिए प्लस प्वॉइंट हैं। इसके अलावा ठोस गुजरात कनेक्शन वाले अपने पति जय मेहता के समर्थन से जूही के भी राज्यसभा पहुंचने की अटकलें तेज हैं…Next
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