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पैसा, बंगला, गाड़ी… इनमें से कुछ नहीं मिलता फिर भी क्यों किसी तख्त पर बैठने से कम नहीं है ‘भारत रत्न’ कहलाना

जब कोई उम्मीद से बढ़कर अपने देश के लिए कुछ करता है तो उसे एक बड़ा सम्मान मिलना आवश्यक होता है और हमारे देश में यह सम्मान ‘भारत रत्न’ के नाम से दिया जाता है. किसी भी भारतीय के लिए ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होना अपने आप में गर्व की बात है, इसे हासिल करना किसी तख्त को पाने से कम नहीं इसीलिए तो ‘भारत रत्न’ मिलने वाले को ना सिर्फ सरकार बल्कि पूरे देश की नजरें भारत रत्न पाने वाले पर टिकी रहती हैं.


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भारत रत्न सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, अर्थात यह एक भारतीय को दिए जाने वाले सम्मानों में सबसे उत्कृष्ट होता है. इसके बाद पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री सम्मान आता है. इस खास तरह के सम्मान की स्थापना 2 जनवरी, 1954 को उस समय के राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी.


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क्यों देते हैं भारत रत्न?


सरकार द्वारा इस सम्मान को राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है और इसके लिए नामित किया जाने वाला व्यक्ति कला, साहित्य, विज्ञान, खेल, इत्यादि क्षेत्रों से हो सकता है, बस जरूरत है तो जीवनकाल में उनके द्वारा की गई राष्ट्र सेवा की, जिसे ध्यान में रखते हुए संबंधित शख्स का चयन किया जाता है. इस खास सम्मान के लिए प्रत्येक साल केवल 3 ही नामों को चुना जाता है जिन्हें खुद भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है.


भारत रत्न को क्या मिलता है?


किसी व्यक्ति को भारत रत्न की उपाधि से नवाजते हुए उसे सम्मान तो प्रदान किया ही जाता है लेकिन इसके अलावा कुछ और भी खास चीजें प्रदान की जाती हैं जैसे कि एक प्रमाणपत्र व एक तमगा.


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सम्मान पाने वाले शख्स को सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई रक्म नहीं दी जाती लेकिन इसके अलावा ऐसी कई सुविधाएं दी जाती हैं जिसे पाना ही गर्व की बात है.


भारत रत्न पाने के बाद वह शख्स भारतीय रेल में जिंदगी भर मुफ्त यात्रा कर सकता है व सरकार द्वारा आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रमों का हिस्सा भी बन सकता है.


भारत रत्न पाने वाले को सरकार द्वारा ‘वॉरंट ऑफ़ प्रेसिडेंस’ भी दिया जाता है. इसके अलावा उन्हें संसद के दोनों सदनों में मुख्य स्थान प्रदान किया जाता है.


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केवल केन्द्र सरकार ही नहीं बल्कि राज्य सरकारों द्वारा भी अपने राज्य के भारत रत्न अवार्डी को सुविधाएं दी जाती हैं. उदाहरण के तौर पर यदि दिल्ली में भारत रत्न अवार्डी को सुविधा देने की बात हो तो सबसे पहली सुविधा डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा मिलने की होती है.


भारत रत्न अवार्डी अपने ‘विजिटिंग कार्ड’ पर भी इस बात का जिक्र कर सकता है और उस पर ‘राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित’ या फिर ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’ लिखवा सकता है जिसे कानूनी रूप से सही माना जाता है.


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