उत्तर प्रदेश में पांच दिन में दो रेल हादसे हुए। पहला हादसा 19 अगस्त को मुजफ्फरनगर के खतौली में हुआ, जिसमें करीब 24 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 लोग जख्मी हुए। दूसरा हादसा 23 अगस्त को औरेया जिले में हुआ. यहां कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए. हादसे में 74 लोग घायल हुए। इसके बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा, जिसके बाद फिलहाल प्रभु के इस्तीफा देने पर विराम लग गया है। आपको बता दें कि हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेने वाले सुरेश प्रभु पहले रेलमंत्री नहीं हैं। प्रभु से पहले देश के तीन रेलमंत्रियों ने रेल हादसे होने पर उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दिया है। हालांकि इनमें से दो रेलमंत्रियों का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया था, जबकि एक रेलमंत्री का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ था।
1956 में लालबहादुर शास्त्री ने दिया था इस्तीफा
पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में लाल बहादुर शास्त्री रेलमंत्री थे। इस दौरान तमिलनाडु के अरियालुर में नवंबर 1956 में भीषण ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें करीब 142 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। इस हादसे की लालबहादुर शास्त्री ने नैतिक जिम्मेदारी ली और रेलमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
शास्त्री जी के 43 साल बाद नीतीश कुमार का इस्तीफा
रेल हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देने वाले रेलमंत्रियों में लालबहादुर शास्त्री के बाद नीतीश कुमार का नाम आता है। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में नीतीश कुमार एनडीए सरकार में रेलमंत्री थे। उनके कार्यकाल के दौरान 1999 में पश्चिम बंगाल के गैसल में भीषण ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें करीब 300 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने रेलमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। नैतिकता के आधार पर नीतीश का यह इस्तीफा शास्त्री जी के इस्तीफे के 43 साल बाद दिया गया था।
ममता बनर्जी का इस्तीफा हो गया था नामंजूर
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद ममता बनर्जी को रेलमंत्री बनाया गया था। इसके बाद सन 2000 में दो रेल हादसे हुए, जिनकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए ममता बनर्जी ने भी इस्तीफा दे दिया था। मगर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया था।
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