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लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए ‘आप’ उम्मीदवार को हटाना पड़ा अपना सरनेम!

चुनावों में जिस तरह से जाति पर आधारित राजनीति की जाती है, उससे जनता बखूबी वाकिफ है लेकिन फिर भी नेता जातिगत आधार पर वोट मांगने और चुनावी हथकंडे अपनाकर वोट हासिल कर ही लेते हैं। वहीं, दूसरा पक्ष ये भी है कि कई वर्ग ऐसे हैं, जो सबकुछ समझते हुए जाति को देखते हुए ही वोट देते हैं। शायद हम से ज्यादातर लोग पूर्वाग्रहों से ग्रस्त होकर वोट देते हैं, बहुत कम लोग विकास के आंकड़ों को ध्यान में रखकर वोटिंग करते हैं।
इसी बात को समझते हुए लोकसभा चुनाव की एक उम्मीदवार ने अपना सरनेम हटा दिया।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal29 Aug, 2018

 

 

आम आदमी पार्टी की ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की प्रभारी और उम्मीदवार आतिशी मार्लेना ने अपने नाम से मार्लेना शब्द हटा दिया है। उनके करीबियों के मुताबिक इस तरह की अफवाहें फैल रही थी कि आतिशी विदेशी हैं या ईसाई हैं, जिससे लोगों के बीच काम की चर्चा न होकर इस पर ही चर्चा फोकस होने की आशंका थी। इस वजह से आतिशी ने यह फैसला लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अपना सेकंड नेम मार्लेना हटाने का फैसला खुद आतिशी का है।
आतिशी के करीबियों का कहना है कि मार्लेना आतिशी का सरनेम नहीं है यह एक तरह से उनका सेकंड नेम है जो उनके लेफ्टिस्ट पैरंट्स ने उन्हें मार्क्स और लेनिन शब्द जोड़कर दिया। आतिशी के पिता का नाम विजय सिंह और मां का नाम त्रिपता वाही है।

 

 

आप के एक नेता ने कहा कि आतिशी का सरनेम सिंह है जिसे आतिशी ने कभी इस्तेमाल नहीं किया। अगर जाति-धर्म की राजनीति करनी होती तो आतिशी अपना सरनेम सिंह लगाती लेकिन उन्होंने कभी लोगों के बीच जाकर यह नहीं कहा है कि वह पंजाबी राजपूत हैं या वह सिंह हैं इसलिए उनका साथ दें। वह हमेशा एजुकेशन फील्ड में हुए काम की बात करती हैं…Next

 

 

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