उमा भारती का जीवन परिचय
हिंदू महाकाव्यों की अच्छी जानकार उमा भारती का जन्म 3 मई, 1959 को टीकमगढ़, मध्यप्रदेश के एक लोधी राजपूत परिवार में हुआ था. इनका पूरा नाम उमा श्री भारती है. साध्वी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी, उमा भारती का पालन-पोषण ग्वालियर की तत्कालीन राजमाता विजयराजे सिंधिया द्वारा हुआ था. केवल छठी कक्षा तक पढ़ी उमा भारती धार्मिक विषयों में बहुत अधिक रुचि रखती हैं जिसके कारण उमा भारती का संबंध देश के कई बड़े धार्मिक नेताओं से है. राजनीतिज्ञ और हिंदू धर्म प्रचारक होने के अलावा उमा भारती एक समाज सेवी भी हैं.
उमा भारती का व्यक्तित्व
संघ परिवार से संबंधित उमा भारती बचपन से ही हिंदू धार्मिक ग्रंथों और महाकाव्यों में रुचि लेने लग गई थीं. परिणामस्वरूप उनके स्वभाव और व्यक्तित्व में उनकी इस विशेषता की झलक साफ दिखाई देती है. उमा भारती एक आत्म-विश्वासी और आत्म-निर्भर महिला हैं. साध्वी की भांति वेशभूषा धारण किए उमा भारती ने अविवाहित रहकर अपना जीवन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगाने का निश्चय कर लिया है.
उमा भारती का राजनैतिक सफर
उमा भारती का राजनैतिक सफर छोटी आयु में ही शुरू हो गया था. इसका सबसे बड़ा कारण सिंधिया परिवार से संबंध होना था. भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने के बाद उमा भारती 1984 में पहली बार चुनाव लड़ीं, जिसमें उन्हें विजय प्राप्त हुई. लेकिन 1989 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वर्ष 1991 में वह खुजराहो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ीं, जिसमें उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को हरा दिया. उसके बाद लगातार तीन बार वह इस सीट पर जीत दर्ज करती गईं. उमा भारती ने वर्ष 1999 में भोपाल सीट से चुनाव लड़ा जिसमें उन्होंने जीत हासिल की. वाजपेयी सरकार में उमा भारती ने विभिन्न मंत्रालयों जैसे मानव संसाधन विभाग, पर्यटन, खेल और युवा मामले, कोयला और खाद्यान्न मंत्रालय का पदभार संभाला. वर्ष 2003 के चुनावों में उमा भारती मध्य-प्रदेश की मुख्यमंत्री बनाई गईं. उन्हीं के प्रयासों के परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी को मध्य-प्रदेश में तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त हुआ था. लेकिन वर्ष 2004 में पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों से संबंधित गलत बयान देने के लिए उमा भारती से सदस्यता छीन कर उन्हें भारतीय जनता पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. जिसके बाद उन्होंने ‘भारतीय जनशक्ति दल’ नामक एक राजनैतिक दल का गठन किया. हालांकि उनकी यह पार्टी आगामी चुनावों में सफल नतीजे हासिल नहीं कर पाई थी. लेकिन उमा भारती ने इस दल को पहचान दिलवाने के लिए कई अथक प्रयास किए.
उमा भारती से जुड़े विवाद
भारतीय जनता पार्टी में वापसी
यद्यपि उमा भारती की वापसी को लेकर शुरू से ही पार्टी में विरोधाभास की स्थिति विद्यमान थी. लेकिन हाल ही में जून 2011 में उमा भारती को भारतीय जनता पार्टी में दोबारा शामिल कर लिया गया. लगभग छ: साल के लंबे अंतराल के बाद उमा भारती का आगमन बीजेपी में हुआ है.
उमा भारती का योगदान
हिंदू धर्म से संबंधित अच्छी जानकारी और रुचि होने के कारण उमा भारती ने अपने विचारों को किताबों में संग्रहित किया है. उनकी अब तक तीन किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से एक देश के बाहर प्रकाशित हुई है.
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