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इस प्रधानमंत्री की हत्या के शक में पकड़े गए 134 आरोपी लेकिन आज भी नहीं सुलझा केस

हमारे देश में ऐसे कितने ही चर्चित हत्याकांड रहे हैं, जो अभी तक अनसुलझे हैं. आरूषि हत्याकांड, सुनंदा पुष्कर जैसे हाई-प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री केस, जिनके हत्यारों को अभी तक सजा नहीं मिल पाई है. ऐसे केसों में मर्डर की कई थ्योरी तो है लेकिन फिर भी अदालतों में अभी तक सिर्फ तारीखों के अलावा कुछ नहीं मिला है. ये तो बात हुई अपने देश की. चलिए, अब हम आपको बताते हैं एक ऐसे मर्डर केस के बारे में जिसमें 134 लोगों ने जुर्म कुबूल लिया, लेकिन फिर भी सबूतों के अभाव में बरी हो गए. स्वीडन के प्रधानमंत्री ओलेफ पामे की हत्या. जिसे करीब 30 साल गुजर जाने के बाद भी कई बार केस फाइल ओपन हुई लेकिन आज तक कातिल पकड़ा नहीं जा सका.


murder mystery


बिना सिक्योरिटी घूमते थे प्रधानमंत्री ओलोफ

विकसित देश स्वीडन की हमेशा से दुनिया भर में अपनी खास पहचान रही है. ओलेफ देश के प्रधानमंत्री होने के साथ स्वीडन के सबसे बड़े नेता भी थे. उनके क्रांतिकारी विचारों से जनता खासी प्रभावित थी. उन्हें अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर इतना यकीन था कि वो बिना किसी सिक्योरिटी के घूमा करते थे.



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अमेरिका का खुलकर विरोध करने वाले पहले नेता

वियतनाम, लाओ और कंबोडिया की धरती पर तकरीबन 20 साल तक लड़ा गया ये सबसे भीषण युद्ध था. शीतयुद्ध के दौर के सबसे भीषण सैन्य संघर्षों में से एक वियतनाम युद्ध (1 नवम्बर 1955 – 30 अप्रैल 1975) में एक तरफ जहां चीन और अन्य साम्यवादी देशों से समर्थन प्राप्त उत्तरी वियतनाम की सेना थी, तो दूसरे खेमे पर अमेरिका और मित्र देशों के साथ कंधे से कंधा मिला कर लड़ रही दक्षिण वियतनाम की सेना. माना जाता है कि अमेरिका ने अपने फायदे के लिए इस युद्ध में हस्तक्षेप किया था. एक अनुमान के मुताबिक इस युद्ध में 30 लाख जानें गई थी. इस युद्ध की आलोचना करने वाले ओलेफ अकेले नेता थे, जिन्होंने अमेरिका के खिलाफ बोलने की हिम्मत जुटाई.


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हत्या के दिन कुछ ऐसा हुआ था

उस दिन पामे अपनी पत्नी लिस्बत के साथ सिनेमा हॉल से वापस घर की ओर लौट रहे थे. अचानक ओलेफ के सामने फॉक्सवैगन की कार रूकी और एक के बाद एक फायरिंग की आवाजें आने लगी. गोली की आवाज सुनते ही अफरा-तफरी मच गई. लोग यहां-वहां भागने लगे. इस पूरे घटनाक्रम को एक टैक्सी ड्राईवर ने देखा था, लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ कर पाता. हमलावर फरार हो गए.


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10 हजार लोगों से पूछताछ, 134 ने कुबूला अपराध

देश के प्रधानमंत्री की खुलेआम हत्या ने पूरे स्वीडन में तहलका मचा दिया. पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टीगेशन शुरू की, जिसमें करीब 10 हजार लोगों से पूछताछ की गई. जिनमें से हैरानी की बात ये थी कि 134 लोगों ने ओलेफ की हत्या करने की बात मान ली. हालांकि, बाद में ये साबित हो गया कि ये लोग सुर्खियां बटोरने और नाम कमाने के लिए झूठ बोल रहे थे.


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3 दशक में हत्या की कई थ्योरी

इन 30 सालों में 250 मीटर तक फैली अलमारी में केस की कई फाइलें हैं. प्रधानमंत्री की हत्या का रहस्य अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है लेकिन गर्लफ्रेंड का बदला, अमेरिका की आलोचना करने की वजह, उनकी स्वतंत्र विचारधारा जैसी कई थ्योरीज को मानकर खूब जांच-पड़ताल की गई, लेकिन ये दुनिया की अनसुलझी मर्डर मिस्ट्री में से एक बन गई. कहा जाता है कि ओलेफ की गर्लफ्रेंड ने धोखा देने की वजह से इस प्रधानमंंत्री को सुपारी किलर द्वारा मरवा दिया था. हालांंकि, पुलिस ने कभी इस बात की पुष्टि नहीं की….Next


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