रमेश पोखरियाल का जीवन परिचय
उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ का जन्म 15 अगस्त, 1958 को उत्तर प्रदेश के गढ़वाल जिले के एक निर्धन परिवार में हुआ था. पेशे से पत्रकार रमेश पोखरियाल बचपन से ही पढ़ने-लिखने और समाज सेवा करने में अत्याधिक संलिप्त रहे हैं.
रमेश पोखरियाल का व्यक्तित्व
रमेश पोखरियाल बचपन से ही बुद्धिमान हैं. वह पत्रकार से राजनीतिज्ञ और फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं. किताबें पढ़ना और आसपास की सभी सूचनाएं रखना उनके जीवन का एक हिस्सा है.
रमेश पोखरियाल का राजनैतिक सफर
रमेश पोखरियाल वर्ष 1991 में पहली बार कर्णप्रयाग निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद विधानसभा पहुंचे थे. इस निर्वाचन क्षेत्र से वह 1993 और 1996 के चुनावों में भी विजयी रहे थे. 1997 में वह उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत उत्तरांचल विकास मंत्री बनाए गए थे. उत्तराखंड की स्थापना होने के बाद उन्होंने वर्ष 2002 में थालीसैन निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, जिसमें उनकी हार हुई. लेकिन आगामी 2007 के चुनावों में इसी निर्वाचन क्षेत्र से वह जीत गए. 27 जून वर्ष 2009 में वह प्रदेश के पांचवें मुख्यमंत्री बनाए गए.
90 के दशक की शुरूआत में राम जन्म भूमि को बचाने के लिए चलाए गए आंदोलन में रमेश पोखरियाल ने भारतीय जनता पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर अपनी सक्रिय भूमिका निभाई जिसके बाद उन्हें राज्य के दो शाखाओं (उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) में बंटने से पहले पर्वतीय विकास मंत्री बनाया गया. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री के तौर पर परिवार कल्याण, भाषा, विज्ञान और स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं. वर्ष 2009 में रमेश पोखरियाल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, लेकिन कुछ ही समय में इन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अगले चुनाव, जो वर्ष 2012 में होने वाले है, में इन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार ना बनाने का निश्चय किया है.
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