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बजट से पहले क्यों होती है ‘हलवा सेरेमनी’, जानें बजट की पूरी प्रक्रिया

वित्त मंत्रालय में सोमवार को हलवा सेरेमनी हुई और इसी के साथ ही 2019-20 के लिएबजट डॉक्युमेंट की छपाई का काम शुरू हो गया। आज से अगले 10 दिन के लिए मंत्रालय के 100 कर्मचारी मंत्रालय के बेसमेंट में बनी प्रिंटिंग प्रेस में ही रहेंगे। अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश होगा। ऐसे में कई लोगों के लिए हलवा सेरेमनी में हलवा खाते मंत्रालय से जुड़े सदस्यों की तस्वीरें बहुत ही दिलचस्प लग रही है। आपको बता दें कि हलवा सेरेमनी हर साल बजट पेश होने से पहले की जाती है। आइए, जानते हैं क्या है हलवा सेरेमनी और क्यों की जाती है ये रस्म।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal22 Jan, 2019

 

 

क्या है हलवा सेरेमनी और इसकी वजह
हर साल बजट की प्रिंटिंग शुरू होने से पहले नॉर्थ ब्लॉक में बने वित्त मंत्रालय के ऑफिस में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है और बांटा जाता है। वित्त मंत्री खुद इस कार्यक्रम की अगुवाई करते हैं। उनके अलावा वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी इस रस्म में शामिल होते हैं। हैं। इस रस्म के पीछे वजह है कि भारतीय परंपरा के मुताबिक कुछ भी नया काम शुरू करने से पहले मीठे की परम्परा रही है, इसलिए ही बजट को प्रिंटिंग के लिए भेजने से पहले इस परंपरा को निभाया जाता है। साथ ही भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ भी माना जाता है। वहीं, रिसर्च के अनुसार मीठा खाने से सकरात्मकता और ऊर्जा का संचार होता है, इसीलिए बजट प्रॉसेस में भी हलवा सेरेमनी की शुरुआत हुई। हलवा सेरेमनी के बाद बजट की प्रिंटिंग से जुड़े मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी प्रिटिंग प्रेस में अगले कुछ दिनों नजरबंद कर दिया जाता है। जहां उनसे कोई बाहरी व्यक्ति संपर्क नहीं कर सकता।

क्या है आम बजट
केन्द्रीय वित्त मंत्री की ओर से पेश की जाने वाली वार्षिक वित्त रिपोर्ट को ही ‘आम बजट’ कहा जाता है। इसमें अकाउंट्स स्टेटमेंट, अनुमानित प्राप्तियां,1 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी वित्त वर्ष के लिए अनुमानित खर्च का विस्तृत ब्योरा होता है। इसमें शामिल सरकारी योजनाओं पर खर्च की स्वीकृति संसद पर निर्भर करती है। बजट के माध्यम से वित्त मंत्री संसद से टैक्स, ड्यूटीज और ऋण के माध्यम से धन जुटाने की मंजूरी चाहता है।

 

 

ये है आम बजट की प्रक्रिया
सामान्य स्थिति में निर्माण की प्रक्रिया सितंबर से शुरू हो जाती है। सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों को सर्कुलर भेजा जाता है, जिसके जवाब में विवरण के साथ उन्हें आगामी वित्तीय वर्ष के अपने-अपने खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्यौरा और फंड की आवश्यता की जानकारी देनी होती है। यह बजट की रूपरेखा के लिए एक आवश्यक कदम हैं। वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवंबर में रायसीना हिल्स पर नॉर्थ ब्लॉक में हितधारकों जैसे उद्योग संघों, वाणित्य मंडलों, किसान समूहों और ट्रेड यूनियनों के साथ परामर्श शुरू करते हैं। सभी मिलकर टैक्स छूट और राजकोषीय प्रोत्साहनों पर बहस करते हैं।  राजनीति और सहयोगी दलों का ख्याल के चरण में आगामी वर्ष की बड़ी संभावनाओं पर फोकस किया जाता है। हितधारकों के साथ आखिरी बैठक होती है, जिसमें खुद वित्त मंत्री अध्यक्षता करते हैं। योजनाओं में सत्तारूढ़ पार्टी के राजनीतिक झुकाव और उसके सहयोगी दलों की इच्छाओं के हिसाब से सुधार किया जाता है।

अधिकारियों की निगरानी में वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्निशियन और स्टेनोग्राफर्स नॉर्थ ब्लॉक में एक तरह से कैद में रहते हैं और आखिरी के सात दिनों में तो बाहरी दुनिया से एकदम कट जाते हैं। वे परिवार से भी बात नहीं कर सकते हैं। किसी आपातकालीन स्थिति में, इन अधिकारियों के परिवार उन्हें दिए गए नंबर पर संदेश छोड़ सकते हैं, लेकिन उनसे सीधे बात नहीं कर सकते।
संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की गतिविधियों और फोन कॉल्स पर नजर रखते हैं। स्टेनोग्राफरों पर सबसे अधिक नजर रखी जाती है। साइबर चोरी की आशंका से बचने के लिए इन स्टेनो के कम्प्यूटर नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) सर्वर से अलग रहते हैं। एक पावरफुल मोबाइल जैमर नार्थ ब्लॉक में कॉल्स को ब्लॉक करने और जानकारियों के लीक होने से बचने के लिए इंस्टॉल किया जाता है।

 

प्रिंटिंग की प्रक्रिया
वित्त मंत्री का भाषण एक सबसे सुरक्षित दस्तावेज है। यह बजट की घोषणा होने के दो दिन पहले मध्यरात्रि में प्रिंटर्स को सौंपा जाता है। शुरुआत में बजट पेपर्स राष्ट्रपति भवन पर प्रिंट होते थे, लेकिन 1950 में बजट लीक हो गया था और प्रिंटिंग वेन्यू मिंटो रोड पर एक प्रेस में स्थानांतरित किया गया। 1980 से बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में प्रिंट हो रहा है…Next

 

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