Menu
blogid : 321 postid : 1390084

अगर आपका वोट चोरी हो जाए तो ऐसे कर सकते हैं दुबारा वोटिंग, जानें क्या है टेंडर वोट और सेक्शन 49P

सोचिए! आप वोट डालने के लिए अपने पोलिंग बूथ पर जाते हैं लेकिन आपकी बारी आने पर आपको पता चलता है कि आपसे पहले कोई और वोट डाल चुका है, तो आप क्या करेंगे? शायद आपकी बहस हो जाएंगी, पुलिस के पास शिकायत करेंगे या फिर चुपचाप घर लौट जाएंगे।
लेकिन क्या आप जानते हैं इन तरीकों के बजाय आप दुबारा वोटिंग कर सकते हैं। वोट चोरी से जुड़ा है सेक्शन 49पी।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal7 Dec, 2018

 

 

 

क्या है सेक्शन 49पी और टेंडर वोट
अगर हमारा वोट कोई और डाल दे, तो इसे धारा 49(पी) के तहत वोट का चोरी होना कहा जाता है। चुनाव आयोग ने साल 1961 में इस धारा को संशोधित कर शामिल किया था। इसके तहत वोट करने के असल हक़दार को दोबारा वोट करने का अधिकार दिया जा सकता है। यही वोट टेंडर वोट कहलाता है।

कैसे काम करती है ये धारा
अगर कोई दूसरा व्यक्ति फर्जी तरीके से आपका वोट डाल दे तब धारा 49 (पी) के जरिए इस वोट को निरस्त किया जा सकता है। इसके बाद असल मतदाता को दोबारा वोट करने का मौका दिया जाता है। जो भी व्यक्ति इस धारा का इस्तेमाल करना चाहता है, सबसे पहले वो अपनी वोटर आईडी पीठासीन अधिकारी को दिखाए। इसके साथ ही फ़ॉर्म 17 (बी) पर भी हस्ताक्षर कर जमा करना होता है। बैलेट पेपर को मतगणना केंद्र में भेजा जाता है। धारा 49 (पी) का इस्तेमाल करते हुए कोई व्यक्ति ईवीएम के जरिए वोट नहीं डाल पाता।

 

 

 

टेंडर वोट की विषम परिस्थितियों में ही होती है गिनती
टेंडर वोट के साथ एक बड़ा पेंच भी है। कोई व्यक्ति भले ही अपना वोट दोबारा डाल दे लेकिन चुनाव आयोग इसकी गिनती नहीं करता, और बहुत ही विषम परिस्थितियों में इसे गिना जाता है, लेकिन फिर भी टेंडर वोट का महत्व कम नहीं हो जाता। दरअसल, मतगणना के समय सबसे पहले ईवीएम में डाले गए वोटों की गिनती होती है। अगर पहले दो प्रतिभागियों के बीच वोटों का अंतर बहुत कम होता है तो उसके बाद बैलेट वोट गिने जाते हैं। उसके बाद भी अंतर कम ही रहता है तब टेंडर वोट को गिनती में शामिल करने का फैसला लिया जाता है।
साल 2008 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में राजस्थान हाईकोर्ट ने टेंडर वोट को गिनती में शामिल करने का फैसला दिया था…Next

 

 

Read More :

राजनीति में आने से पहले पायलट की नौकरी करते थे राजीव गांधी, एक फैसले की वजह से हो गई उनकी हत्या

स्पीकर पद नहीं छोड़ने पर जब सोमनाथ चटर्जी को अपनी ही पार्टी ने कर किया था बाहर

वो 3 गोलियां जिसने पूरे देश को रूला दिया, बापू की मौत के बाद ऐसा था देश का हाल

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh