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स्पीकर पद नहीं छोड़ने पर जब सोमनाथ चटर्जी को अपनी ही पार्टी ने कर किया था बाहर

‘आप जितना शोर करते हैं, उतना शोर तो स्कूल के बच्चे भी नहीं करते।’
सोमनाथ चर्टजी ने संसद की कार्यवाही करते हुए सांसदों को ऐसी बात कहकर ही एकबार चुप करवाया था। सोमनाथ चटर्जी लोकसभा में सांसदों के हंगामे पर बहुत ही भावुक तरीके से नाराजगी जाहिर करते थे। दिल का दौरा पड़ने की वजह से सोमनाथ 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal13 Aug, 2018

1971 में पहली बार चुने गए थे सांसद
सोमनाथ चटर्जी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सीपीएम के साथ 1968 में की और वह 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे।
वो 1971 में पहली बार सांसद चुने गए थे। दस बार लोकसभा के सदस्य रहे चटर्जी सीपीएम की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे। वह 2004 से 2009 के बीच लोकसभा के अध्यक्ष रहे

 

 

स्पीकर पद नहीं छोड़ने पर जब अपनी ही पार्टी ने किया था बाहर
सोमनाथ चर्टजी की लिखी हुई किताब ‘keeping the faith’ बुक में इस घटना का जिक्र किया है।
राजनीतिज्ञ जीवन के किस्सों में से एक किस्सा ये भी था। लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी का निधन हो गया है। वो 89 साल के थे। साल 2008 में जब यूपीए-1 के शासनकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार ने अमेरिका के साथ परमाणु समझौता किया था, तब सरकार को समर्थन दे रहे वाम दलों ने इसका विरोध किया था और सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। तब संसद का दो दिनों (21 और 22 जुलाई, 2008) का विशेष सत्र बुलाया गया था। उस समय सोमनाथ चटर्जी 14वीं लोकसभा के स्पीकर थे और सीपीआई (एम) के सांसद थे। पार्टी ने उन्हें लोकसभा अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा था लेकिन चटर्जी ने ऐसा नहीं किया। मनमोहन सिंह सरकार 19 वोट के अंतर से अविश्वास प्रस्ताव जीत गई थी लेकिन लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी अपनी ही पार्टी में हार चुके थे, सभी के दुश्मन बन चुके थे। पार्टी ने उन्हें 23 जुलाई को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस बात से सोमनाथ काफी दुखी हो गए। वो अपनी पार्टी के सांसदों के व्यवहार से इतने टूट गए थे कि उन्होंने राजनीति से संन्यास तक की घोषणा कर दी थी।
वो हमेशा सांसदों के निशाने पर रहते, अक्सर सांसद उनकी आलोचना करते हुए पाए जाते। यहां तक कि उनकी पार्टी के सांसदों ने उनके आदेश की अवहेलना तक करनी शुरू कर दी थी। सोमनाथ इन बातों से इतने दुखी हो गए थे कि वो 23 अक्टूबर 2008 को अपनी दिल की बातें सदन में रोने तक लगे थे।

 

40 साल तक पार्टी से जुड़े रहे
सोमनाथ चटर्जी 10 बार लोकसभा के सांसद रहे। वो बैरिस्टर थे। राजनीतिक करियर की शुरुआत उन्होंने साल 1968 में सीपीआई (एम) के साथ की थी। वो चालीस साल तक यानी 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे…Next

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