कश्मीर एक ऐसा मुद्दा जिसपर भारत और पाकिस्तान के बीच अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। साथ ही कश्मीर भारत का ऐसा राज्य है, जिससे कुछ ऐसे मुद्दे जुड़े हुए हैं, जो हमेशा ही चर्चा का विषय बने रहते हैं। इस बार आर्टिकल 35A की वजह से कश्मीर सुर्खियों में छाया हुआ है। जम्मू-कश्मीर को विशेष शक्तियां देने वाले संविधान के आर्टिकल 35A की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 6 अगस्त को सुनवाई होनी थी, लेकिन मामले की अगली सुनवाई अब 27 अगस्त को होगी। कहा जा रहा है कि उस दिन कोर्ट इस मामले को संविधान पीठ में भेजने पर निर्णय दे सकता है।
ऐसे में अनुच्छेद 35A का मामला उठता देखकर लोग इससे जुड़ी विशेष शक्तियों के बारे में जानना चाहते हैं। आइए, एक नजर डालते हैं इस विवाद और अनुच्छेद 35A पर।
क्या है आर्टिकल 35A
आर्टिकल 35-A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से संविधान + में जोड़ा गया था। अनुच्छेद 35A को लागू करने के लिए तत्कालीन सरकार ने धारा 370 के अंतर्गत मिली शक्तियों का इस्तेमाल किया था। यह कानून जम्मू-कश्मीर के बाहर के किसी व्यक्ति को राज्य में संपत्ति खरीदने से रोकता है। साथ ही, कोई बाहरी शख्स राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा सकता है और न ही वहां सरकारी नौकरी पा सकता है। आर्टिकल 35A के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार को राज्य के स्थायी नागरिक प्रमाणित करने का अधिकार है। खास बात यह है कि यह आर्टिकल मूल रूप से संविधान में नहीं था और इसे 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से जोड़ा गया था।
इन वजहों से हो रहा है विरोध
इस आर्टिकल को भेदभावपूर्ण बताते हुए दिल्ली के एनजीओ ‘वी द सिटिजन’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
अनुच्छेद 35A के विरोध में दो बातों पर सबसे ज्यादा विवाद देखने को मिल रहा है, पहली कि यह राज्य में अन्य राज्य के भारतीय नागरिकों को स्थायी नागरिक मानने से वर्जित करती है। इस वजह से दूसरे राज्यों के नागरिक न तो जम्मू-कश्मीर में नौकरी पा सकते हैं और न ही संपत्ति खरीद सकते हैं। इसके साथ ही यदि प्रदेश की किसी लड़की ने अन्य राज्य के नागरिक से विवाह कर लिया, तो उन्हें राज्य में संपत्ति के अधिकार से आर्टिकल 35A के आधार पर वंचित किया जाता है। इसे संविधान में अलग से जोड़ा गया है और इसको लेकर भी विरोध हो रहा है।
विरोध प्रदर्शन के चलते रोकी गई अमरनाथ यात्रा
दो दिन की हड़ताल के चलते रविवार को जम्मू से अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई थी। चेनाब घाटी के जिलों रामवन, डोडा और किश्तवाड़ से अनुच्छेद 35 ए के समर्थन में आंशिक हड़ताल और शांतिपूर्ण रैलियां भी हुईं।
कौन है कश्मीर का स्थायी नागरिक
1956 में जम्मू-कश्मीर का संविधान बनाया गया था और इसमें स्थायी नागरिकता की परिभाषा तय की गई। इस संविधान के अनुसार, स्थायी नागरिक वही व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा और कानूनी तरीके से संपत्ति का अधिग्रहण किया हो। इसके अलावा कोई शख्स 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो या 1 मार्च 1947 के बाद राज्य से माइग्रेट होकर (आज के पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र के अंतर्गत) चले गए हों, लेकिन प्रदेश में वापस रीसेटलमेंट परमिट के साथ आए हों।
फिलहाल इस मामले पर 27 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूरे देश की नजर है…Next
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