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सच में राजनीति का ही तमाशा है पर….

शाहरुख खान ने कहा किहमारेसमुदाय के कुछ लोग हैं जो गलत काम करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं किइस्लाम और समूचा मुस्लिम समुदाय ही गलत हैं.राजनीति, समाज, अंतरराष्ट्रीय संबंध, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, आंतकवाद ऐसे शब्द हैं जिन्हें बिना समझे मुस्लिम समुदाय की स्थिति को नहीं समझा जा सकता है. कभी वोट की राजनीति तो कभी अंतरराष्ट्रीय राजनीति का खेल ही मुस्लिम समुदाय के साथ खेला जाता है. हैरान करने वाली बात लगती है जब आतंकवाद के आगे ‘मुस्लिम आतंकवाद’ शब्द जुड़ता हुआ दिखाई देता है. क्या सिर्फ मुस्लिम समुदाय ही आंतकवादी है? शायद नहीं…..


muslim communityसच ही तो है कि कुछ व्यक्तियों के गलतियों की सजा समूचा मुस्लिम समुदाय झेलता है? भारत से लेकर दुनिया के हर कोने में यदि कोई आंतकवादी घटना होती है तो पहले शक यही जाता है कि पकड़ा जाने वाला व्यक्ति जरूर मुस्लमान ही होगा. इस बात पर जोर देते हुए ध्यान से समझना होगा कि मुस्लिमों के प्रति  राजनीति कैसे की जाती है. पहले किसी वर्ग को निम्न दिखाया जाता है फिर उन्हें बेसहारा होने का अहसास कराया जाता है जिसके नाम पर कभी-कभी तो आरक्षण जैसे शब्दों का खेल खेला जाता है…..अंत में वो समुदाय इतना उत्पीड़ित हो जाता है कि वो अपने आप को समाज के हिस्से से अलग समझने लगता है.


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सुरक्षा से संबंधित जब बात आती है तो शायद आपने ध्यान दिया होगा कि उसमें सबसे पहले मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा के लिए खतरा नजर आता है पर क्यों? इसका जवाब किसी के पास नहीं है. याद होगा आपको वो दिन जब भारत के राष्ट्रपति की अमेरिका में तलाशी ली गई थी और हवाला दिया गया था कि ‘वो मुस्लिम हैं इस कारण तलाशी नहीं ली जा रही है, तलाशी लेने का कारण सिर्फ सुरक्षा संबंधित ही है. सच तो यह है कि यदि तलाशी का अर्थ सिर्फ सुरक्षा ही है तो हर व्यक्ति की तलाशी होनी चाहिए चाहे वो हिंदू हो, मुस्लिम हो, राष्ट्रपति हो या किसी भी देश का आम नागरिक हो, ना कि तलाशी जैसे शब्द को समुदाय में बांटकर राजनीति खेली जानी चाहिए.


हालांकि अधिकांश समीक्षक यह तो मानते हैं कि ‘सभी मुस्लिम आंतकवादी नहीं होते हैं पर वे यह भी मानते हैं कि अधिकांश आंतकवादी मुस्लिम होते हैं’.पर इस बात को समझने की जरूरत है कि कुछ मुस्लिमों के आंतकवादी होने से पूरे मुस्लिम समुदाय पर शक की निगाहें नहीं उठाई जा सकती हैं.


कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं जिन पर चर्चा कभी भी खत्म नहीं होती है. हमारी चर्चा इस मुद्दे पर जारी रहेगी पर साथ ही ऐसे मुद्दे को गहराई से समझने के लिए आपकी टिप्पणियों का भी योगदान महत्वपूर्ण है.


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Please post your comments on: क्या आपको लगता है कि कुछ मुस्लिमों की अराजक गतिविधियों के कारण सभी मुस्लिमों को बदनाम किया जाना सही है?


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