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अगर आपसे पूछा जाय कि 2014 के लोकसभा चुनाव ने आपको क्या दिया है तो शायद आप कहें कि 20 सालों के बाद छुटभैये डॉनों के आतंक से मुक्त (क्षेत्रीय पार्टियों के हस्तपेक्ष रहित) सरकार दी है इस लोकसभा चुनाव ने! और तो और बहुमूल्य, बेशकीमती संसद में नरेंद्र मोदी के अनमोल आंसू देखने का मौका दिया है लोकसभा चुनाव 2014 ने!
अपनी जगह आप सही हैं भाइयों एवं बहनों (कृपया नाराज न हों अगर माताएं-पिता, दादा-दादी भी इसे पढ़ रहे हैं, युवाओं के लिए राजनैतिक प्रेरणास्रोत रहे इस चुनाव के लिए यह संबोधन भी युवाओं को समर्पित है)! लेकिन एक बेशकीमती चीज जो इस चुनाव ने हमें दिया है वह है ‘स्वास्थ्य धन’. हमारे पूर्वजों ने कहा है ‘स्वास्थ्य ही धन है’. इसलिए स्विस बैंक में जमा नेताओं के काले धन का दुख न मनाएं, केजरीवाल जी के मफलर से सर्दियों के दिनों में आप इस दुख से निजात पा सकते हैं. गर्मियों के लिए ‘छाता’ जैसा कोई ‘यंत्र’ आविष्कार हो सकता है लेकिन अभी तक केजरीवाल जी ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है, जब करेंगे तो जनहित में हम आपको सूचित अवश्य करेंगे.
दोस्तों (इसमें माताएं-पिता, दादा-दादियां भी शामिल हैं), इस लोकसभा चुनाव ने हमें स्वास्थ्य धन दिया है. अगर यकीन नहीं आता एक बार चुनाव से पहले और बाद आए असंख्य चुनावी लतीफों, कार्टून तस्वीरों, कैप्शन फोटोज को याद कर लें. दोस्तों, डॉक्टरों की सलाह है कि प्रतिदिन एक सेब और दिल खोलकर हंसना (वार्निंग: कृपया चाकू से सीना काटकर अपना दिल न खोलें, यह केवल ठहाके लगाकर हंसने की बात है) आपको डॉक्टर से हमेशा दूर रखता है. दोस्तों जितना अधिक इस चुनाव ने चुटकुले बनाए हैं शायद यह भी अब तक के चुनावी इतिहास का एक रिकॉर्ड ही हो. नरेंद्र मोदी हों या राहुल गांधी, सोनिया गांधी हों या अरविंद केजरीवाल या मनमोहन सिंह इस चुनावी युद्ध ने हर किसी को ठहाकों का मुद्दा बनाया. इन्हें देखिए और हंसकर स्वास्थ्य लाभ लीजिए:
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1.चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल को थप्प्ड़ मारने को सोशल मीडिया ने कुछ ऐसे दिखाया:
2.सोशल मीडिया ने हर चीज को लतीफा बयाया. अपनी पहली संसदीय बैठक में मोदी का रोना लतीफा तस्वीरों में कुछ ऐसे नजर आया है:
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3.कांग्रेस की हार का भी सोशल मीडिया ने खूब लतीफा बनाया:
4.वोट डालना भी सोशल मीडिया पर लतीफा बन गया:
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5.कांग़्रेस ने भाजपा पर उसकी मेनिफेस्टो कॉपी करने का आरोप लगाया. सोशल मीडिया पर यह कुछ ऐसे नजर आया:
6.हिंदुस्तान की राजनीति में इस सदी का राजनीतिक आविष्कार अरविंद केजरीवाल हैं. इस बार के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मीडिया और सोशल मीडिया के लतीफों का हीरो अगर कोई कहा जा सकता है तो यही हैं. केजरीवाल का हर ऐक्ट लतीफों का बादशाह रहा:
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7.केजरीवाल का चुनाव चिह्न झाड़ू पर लतीफों की झड़ी लग गई:
8.दिल्ली में अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री क्या बने सोशल मीडिया की फन गैलरी को हंसने का एक और बहाना मिला:
9.और केजरीवाल का मफलर ऐसा छाया कि आलोक नाथ के संस्कार भी पीछे छूट जाएं:
10.राजनीति में आने के लिए अन्ना हजारे का फायदा उठाना भी मस्त लतीफा बन गया:
11.ढूंढने से भगवान भी मिलते हैं तो लोकसभा चुनाव जैसा सीरियस मुद्दा हंसने का बहाना क्यों नहीं बन सकता. दी ग्रेट सोशल मीडिया हंसी गैलरी ने इसमें भी हंसी का आविष्कार कर ही डाला:
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12.भाजपा का ‘अबकी बार मोदी सरकार’ कैंपेन लतीफों में भी सुपर हिट रहा:
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13.राहुल गांधी का इंटरव्यू और भाषणों के चुटकुले भी खूब शेयर हुए:
14.मोदी और राहुल गांधी के बीच वाकयुद्ध भी चुटकुलों का हिस्सा बन गया:
15.मोदी लहर और मोदी वेव की चुटकुलों में भी चर्चा रही:
16.मोदी की चाय चर्चा:
तो अगर आप सोचते हैं कि लतीफों की दुनिया में सीरियस बातें घुस नहीं सकतीं तो इस लोकसभा चुनाव से सबक लीजिए. हंसी की दुनिया का कोई दायरा नहीं. सीरियसनेस को भी मजेदार बना सकते हैं. तो हंसिए…और हंसिए…..और हंसिए….ज्यादा नहीं…वर्ना लोग पागल कहेंगे….हा…….हा………..हा……………!!!!!!
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