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68 साल पहले जब अग्रेंजो ने 200 साल शासन करने के बाद भारत को छोड़ा था तब वह अपनी हथियाई हुई सत्ता को भारत की जनता के हवाले कर गए थे. भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था होने की वजह से कहने को तो आजादी के बाद से ही यहां जनता का शासन है लेकिन समय-समय पर इस देश राजनेताओं ने अपने स्वार्थ के लिए इसे गरीबों, किसानों, पूंजीपतियों, समाजवादियों आदि का शासन कहकर खूब हो-हल्ला मचाया.
देश की जनता को आजकल नए तरह का शासन देखने-सुनने को मिल रहा है. “सूट-बूट बनाम कुर्ता पयजामा की सरकार”. हाल ही में गांधी परिवार के चिराग राहुल गांधी ने इसे इस तरह से व्याख्या किया कि ‘सूट-बूट की सरकार पूंजीपतियों की सरकार है जबकि कुर्ता पयजामा की सरकार आम लोगों की सरकार’ है. राहुल के हिसाब से अगर ऐसा है तो आइए जानते हैं नेताओं और क्षेत्रों के हिसाब से किस पार्टी पर कौन सी सरकार जायज मानी जाएगी.
सूट-बूट की सरकार
यह बात तब सामने आई जब इसी साल जनवरी महीने में अमरीका के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर थे. तब ओबामा से मुलाकात के दौरान नरेंद्र मोदी ने अपने ही नेमप्रिंट वाला सूट पहना था. तभी से संसद से लेकर सड़क तक राहुल गांधी सूट-बूट की सरकार कहकर केंद्र पर निशाना साधते रहे हैं.
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कुर्ता-पयजामा की सरकार
पिछले कई महीनों से मोदी की सरकार को सूट-बूट की सरकार का लेबल चिपकाने वाले राहुल गांधी ने अपनी पार्टी (कांग्रेस पार्टी) का भी नामकरण कर दिया. उनके मुताबिक उनकी पार्टी कुर्ता-पायजामा वाली पार्टी है जो शासन में आने के बाद ‘आम आदमी’ के लिए काम करेगी.
मफलर की सरकार
लेकिन ‘आम आदमी’ पर अगर किसी पार्टी का पेटेंट है तो दिल्ली में शासन करने वाली आम आदमी पार्टी है जिसके नेता अरविंद केजरीवाल को आम आदमी का सबसे बड़ा सिंबल होने का दर्जा प्राप्त है. यह दर्जा खुद केजरीवाल के चाटुकारों ने उन्हें दिया है.
लुंगी की सरकार
अब जहां लुंगी की चर्चा हो वहां जरूरी नहीं है कि शाहरुख अपनी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ यो-यो हनी सिंह की धुन पर लुंगी डांस, लुगी डांस करने लगे. इस पर तो 2011 से सत्ता से बाहर रहने वाली डीएमके का अधिकार है जिसे आजकल एआईडीएमके नचा रही है.
धोती की सरकार
धोती पहनकर राजनीति करने वाली लेफ्ट पार्टी के आजकल तोते उड़े हुए हैं. कांग्रेस की तरह इनकी भी स्थिति दयनीय हो चुकी है. लगातार 23 वर्षों तक धोती पहनकर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहने वाले मार्क्सवादी नेता ज्योति बसु के बाद ऐसा कोई नेता नहीं बचा जो इस पार्टी के अच्छे दिन ले आए….Next
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