हिन्दी को एक नया आयाम देती हिन्दी ब्लॉगिंग “Contest”
मेरी कलम से !!
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“नव परिवर्तनों के दौर में हिन्दी ब्लॉगिंग”
परिवर्तन तो कल भी हुए थे आज भी हो रहे है और आगे भी होते रहेंगे इसका मतलब ये नही हैं की हम अपनी माँ को माँ कहने छोड़ दे, हिन्दी ब्लॉगिंग भी इसी परिवर्तन के द्वारा दिया गया हिन्दी भाषा को एक ऐसा सम्मान हैं, जिसके जरिये सभी देशवाशी न केवल अपने भाई बहनो के सामने आकार बल्कि पूरे दुनिया के सामने आकार अपनी बातों को बिना हिचकिचाये गर्व के साथ रख सकते हैं, परिवर्तन जरूर हुआ पहले हमारी बातों हमारे दिल मे छुपी होती थी, और आज एक नायाब पन्ने मे लिखी होती है। ये परिवर्तन ही हैं की पहले अपना अस्तित्व को दुनिया से छुपाते थे और आज गर्व से हम दुनिया के सामने अपनी बातों को बताते हैं । ये परिवर्तन ही है जो हिन्दी टंकण को और भी सुलभ बनाने के लिए हिंगलिश टंकण भाषा का जन्म हुआ, ये परिवर्तन ही हैं की अब घर मे रहने वाली महिलाए बढ़चढ़कर इस प्रतियोगिता मे भाग ले रही हैं, ये परिवर्तन ही हैं ही गाँव का हो या शहरी सब लोग अपने बिचारो को इस मंच पर रख रहे हैं। ये परिवर्तन ही हैं इनते बड़े मंच पे कोई भेदभाव नही हैं। ये परिवर्तन ही तो हैं इस मंच पर न कोई संपादक हैं और न ही रचयिता, सब हिंदुस्तान के आम नागरिक की तरह अपनी बातों को अपनी बुद्धि क्षमता के हिसाब से लिखते हैं और सम्पादन हेतु पोस्ट करते हैं। इस पेड़ की हर पत्तियों मे जैसे हिन्दी समाई हैं वैसे ही अब हमको अपने रोम रोम मे हिन्दी को बसाना हैं।
हिन्दी ब्लॉगिंग मेरी समझ से हिन्दी को दिया गया, एक ऐसा आयाम हैं जिसके जरिये हम पूरी दुनिया सामने आकार गर्व से कह सकते हैं ये हैं हमारी सभ्यता, ये हैं हमारी संस्कृति, हमारी मात्र भाषा हिन्दी हैं, हम कल भी हिंदुस्तानी थे, और आज हैं, और आगे भी भी रहेंगे, हिन्दी भाषा से प्रेम को दिखलाने और बतलाने के लीए हिन्दी ब्लॉगिंग एक ऐसा मंच हाँ जहां से ये साफ हो जाता हैं,
“सूरत बदली, सीरत बदली, और बदला हैं इंसान
सबको मात देती, आज भी हिन्दी है अपनी जुबान”
कहते हैं गुड़ खाके पानी पीने से जो तृप्ति मिलती हैं, कोई सॉफ्ट ड्रिंक कभी भी नहीं दे सकती, हिन्दी भी उसी गुड़ की भांति मीठी हैं, और ब्लॉग लिखने मे या अपनी बातों को समाज के सामने रखने मे जो तृप्ति हिन्दी भाषा दे सकती हैं, वो कोई और भाषा किसी भी युग मे नहीं दे सकती। कल क्या कदम उठाए गए थे, और आगे क्या कदम उठाए जाएंगे हिन्दी भाषा को आगे बड़ाने के लिए मे उसपर कोई टिपप्ण्णि नहीं करूंगा, क्योकि करना मुझे आज है कल की सोच सिर्फ हमे या तों निरासा और या दिल को शांति ही दे सकती हैं। और जो आज परवाह करते हैं उनमे तेज़, जुनून, जज्बा, संगर्ष, और आज की स्थिति समझने की परख होती हैं, और यही आत्मविश्वास आज हिन्दी भाषा को चाहिए। ताकि वो पुनः अपने प्रवाह मे आ जाए। आज बहू चर्चित टीवी शो बिग बॉस ने हिन्दी भाषा मे बात करना अनिवार्य किया हैं चाहे वो हिंदुस्तानी हो या फिर कोई विदेशी हो, इस टीवी शो का मकसद बस इतना ही की हिन्दी भाषा एक बड़े मंच पर सम्मान मिले, बस यही मंच हिन्दी भाषा को आज चाहिए जिसमे सभी हिंदुस्तानी बढ़चढ़कर हिस्सा ले और हिन्दी भाषा को एक नई उचाई तक ले के जाएँ, ताकि फिर से हम हिन्दी भाषा को उसका दर्जा दिलाने के लिए न लड़े।
हिन्दी प्रोतशाहन हेतु एक कविता पेश हैं “उम्मीद है हम आसमान की बिलन्दियों को जरूर छुएंगे “
हम चढ़े, हम बढ़े। सम्मान के लिए हर बार लड़े। हिन्दी जुबा पे रख के यारो, आओ हम पढे, हम पढे। हम अड़े, हम जड़े। पग पे चाहे कांटे पड़े, बुलन्दियो पे पाहुचा दे हिन्दी को, आओ हम पढे, हम पढे। रास्ते हो चाहे जीतने कड़े। चाहे कोई हमपर दोष मढ़े। हिन्दी की हरयाली, आओ बिखेरे हर जगह आओ हम पढे, हम पढे,।
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