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लखनऊ –कोटि कोटि नमन/* प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा ///

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kushwaha
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लखनऊ –कोटि कोटि नमन/* प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा ///
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शहर ए लखनऊ तुझे
सादर प्रणाम है
बहती यहाँ है गोमती
लक्ष्मण जी का धाम है
———————————
चन्द्रिका देवी मंदिर मनोहर
रकाब गंज का गुरुद्वारा
टीले वाली मस्जिद संग संग
बुद्धेश्वरन शिव धाम है
——————————-
जी. पी. ओ. अदालत पुरानी
काकोरी की अमर  कहानी
क्रांति  वीरों की पावन धरा
शहीद स्मारक पहचान है
——————————–
अमीनाबाद की रेवडी
चौक में चिकन का काम
मलिहाबाद को कैसे भूलें
प्रसिद्ध  दशहरी आम है
———————————-
गंगा जमनवी सभ्यता संस्कृति
घर घर यहाँ फूलती फलती
अलीगंज के वीर  बजरंगी
इसका  आदर्श प्रमाण  हैं
———————————-
पुरवा  चलती पछुवा चलती
एक अनूठी संस्कृति पलती
बनारस की जो सुबह प्यारी
मशहूर  अवध की शाम है
——————————–
प्रार्थना  होती चर्च में
गुरुद्वारे में हो वाह गुरु
घंटी बजती मंदिर में
मस्जिद से आती अजान है
——————————–
ईद हमारी होली उनकी
घर घर मिलने टोली चलती
मिलते गले इक दूजे से जैसे
कई जन्मों की पहचान है
——————————
होली दिवाली ईद सिवैयां
खेलत संग संग गुइयाँ गुइयाँ
आपस में मिल जुल रहते ऐसे
एक घर  रहीम दूजे घर  राम है
———————————
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
२९-०७-२०१४

लखनऊ –कोटि कोटि नमन/* प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा ///

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शहर ए लखनऊ तुझे

सादर प्रणाम है

बहती यहाँ है गोमती

लक्ष्मण जी का धाम है

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चन्द्रिका देवी मंदिर मनोहर

रकाब गंज का गुरुद्वारा

टीले वाली मस्जिद संग संग

बुद्धेश्वरन शिव धाम है

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जी. पी. ओ. अदालत पुरानी

काकोरी की अमर  कहानी

क्रांति  वीरों की पावन धरा

शहीद स्मारक पहचान है

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अमीनाबाद की रेवडी

चौक में चिकन का काम

मलिहाबाद को कैसे भूलें

प्रसिद्ध  दशहरी आम है

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गंगा जमनवी सभ्यता संस्कृति

घर घर यहाँ फूलती फलती

अलीगंज के वीर  बजरंगी

इसका  आदर्श प्रमाण  हैं

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पुरवा  चलती पछुवा चलती

एक अनूठी संस्कृति पलती

बनारस की जो सुबह प्यारी

मशहूर  अवध की शाम है

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प्रार्थना  होती चर्च में

गुरुद्वारे में हो वाह गुरु

घंटी बजती मंदिर में

मस्जिद से आती अजान है

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ईद हमारी होली उनकी

घर घर मिलने टोली चलती

मिलते गले इक दूजे से जैसे

कई जन्मों की पहचान है

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होली दिवाली ईद सिवैयां

खेलत संग संग गुइयाँ गुइयाँ

आपस में मिल जुल रहते ऐसे

एक घर  रहीम दूजे घर  राम है

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प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा

२९-०७-२०१४

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