kushwaha
- 162 Posts
- 3241 Comments
आवाहन
———
नव प्रभात की बेला में
यह संकल्प संचार करो
दीन दुखी रहे न कोई
ऐसे जतन हजार करो
मानव धर्म रहे जग में
मिटे जाति रंग का भेद
सम भाव सम हो दृष्टि
श्रष्टि का निर्माण करो
शीतल तन मन हो जाय
बुझे नफरत की ज्वाला
मलय पवन शीतलता उरु लें
दस दिश में प्रकाश करो
करें अतीत का हम मंथन
शाश्वत मूल्यों का हो चिंतन
आधार बने जो जीवन का
आशा का अब विश्वाश भरो
विकास नीति स्वीकारें हम
नफरत रथ का परि त्याग हो
राष्ट्र समर्पित भक्तों का
अब जन समूह तैयार करो
बीते पलों को भूलो अब
खट्टा मीठा जो जीवन था
जीना मरना साथ है जब
धरती माँ का श्रृंगार करो
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
१.१.२०१५
Read Comments