kushwaha
- 162 Posts
- 3241 Comments
भारतीय किसान
—————–
जय जवान जय किसान
जग का नारा झूंठा
भाग्य किसान कैसा तेरा
प्रभू भी तुझसे रूठा
लेकर हल खेत में
नंगे पाँव तू जाए
मखमली कालीन पे
वणिक विश्राम पाए
भरता सगरे जग का पेट
खुद है भूखा सोता
बिके फसल तेरी जब
कर्जा कम न होता
हाय रे किस्मत तेरी
कैसा भाग्य अनूठा
जय जवान जय किसान
जग का नारा झूंठा
देता अपना खून पसीना
इक दाना तब बनता
बाजार जाये जब फसल
भाव न पूरा मिलता
उधार ले खाद और पानी
बीज जमाए न जमता
कृषि रक्षा उपकरणों में
काला धंधा है चलता
व्यापारी और सरकार ने
आपस में है रिश्ता गूंठा
जय जवान जय किसान
जग का नारा झूंठा
मौलिक
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
२३.०३.२०१४
Read Comments