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Pradeep Gupta
Author:
Pradeep Gupta
तेरी आखों में अब वो बात नहीं क्योकि रहा अब तेरा मेरा साथ नहीं
16 Posts
2 Comments
इस लाचारी इस मज़बूरी को जरा तो समझो
Posted On
4 Nov, 2011 में
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दिल के अरमानो को मै सजाऊ कैसे
Posted On
6 Aug, 2011 में
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जब हुए मेरे देश के दो हिस्से यारो
Posted On
6 Aug, 2011 में
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मै खुद को तुझमे ढूड़ता हूँ कहीं बार बार
Posted On
18 Jul, 2011 में
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बस दिल मे यो ही उबलता रहने दे वो पल पल पास आने का जूनून
Posted On
8 Jul, 2011 में
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अब कहाँ वो पैमाने रहे अब कहाँ वो मैखाने रहे
Posted On
8 Jul, 2011 में
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मेरा क्या हैं मै यों ही जीता रहा तेरी याद में रह रह के आशूओं के घुट पीता रहा
Posted On
4 Jul, 2011 में
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अब क्या सिकायत करू तुझसे उस जख्म की जो तुने मुझे कभी दिया ही नहीं
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4 Jul, 2011 में
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कभी ख्यालो में जो तुम मेरे आई तो बस यों ही मुस्कुराता रहा
Posted On
4 Jul, 2011 में
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प्यार इक जिद हैं तो प्यार इक मुकाम भी
Posted On
30 Jun, 2011 में
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तेरी आखों में अब वो बात नहीं क्योकि रहा अब तेरा मेरा साथ नहीं
Posted On
30 Jun, 2011 में
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टूटे हूय फूल और पत्तो की कीमत भला कोई क्या देगा
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30 Jun, 2011 में
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परिंदा बनकर मै उड़ता फिरू गगन में
Posted On
30 Jun, 2011 में
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गलिफ ने हर फूल की कीमत जो रखी हैं
Posted On
30 Jun, 2011 में
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कभी अस्मा में उड़ते बादल से पूछा
Posted On
30 Jun, 2011 में
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हर उस बूंद मे नशा था पैमाना जो तेरे होठो से लगा था
Posted On
30 Jun, 2011 में
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