अक्सर ही हमने देखा है कि सीमा पर या देश के लिए जब कोई शहीद होता है तो हम में से ही बहुत से लोग श्रद्धांजलि देने लगते है अपने msg के द्धारा। . कभी सोचा है के हम सब ये क्यों करते है ? इससे क्या मिलता है ? ये शायद हमारा प्रेम होता है या हमारी उन शहीदों से जुडी भावनाओ को व्यक्त करने का बस एक तरीका है ! अच्छा लगता है येदेख के देश में सभी को specially शोसल साइट्स पर हमारे शहीदों के प्रति बहुत प्यार है।
पता नही आप को कैसा लगे लेकिन मुझे ऐसा लगता है की उन शहीदों को श्रद्धान्जलि देना श्रेयकर है लेकिन आपमें से कितने ऐसे है जिन्होंने अपने परिवार बच्चे या अपनों के लिए जब ईश्वर से प्रार्थना की उस्वक़्त सीमा पर खड़े उन जवानों के लिए दुआ मांगी ? कभी सोचिये? आज वो शहीद होते है तो हमे लगता है वो हमारी खातिर शहीद हुए लेकिन जब तक वो जीवित लड़ते है तब याक ये दुआएं कहा होती है। ..वो हमारे लिए लड़ते और शहीद होते है लेकिन आप और हम पर्सनली उन्हें नही जानते तो उन्हें अपनों में शामिल नही करते और इसीलिए शायद उनकी रक्षा के लिए प्रार्थना करना भूल जाते है।
ये केवल मेरी सोच है जो किसी और की भावना को ठेस नही पहचान चाहती बस केवल एक request करना चाहती है के जवानों के शहीद होने पर जिस ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते है उसी ईश्वर से उनके जीवित रहते उनकी और उनके परिवार की रक्षा के लिए भी कभी प्रार्थना करना न भूलें ..शायद ये उनके जीवन के कुछ और पल बढ़ा दे
हम अपनी जान को रोते है
अक्सर खुद के लिए ही सोचा है
क्यों सीमा पर बैठे जान लुटाने को
हैं वो कौन हमारे .. ये कैसा लोचा है?
हम आपस में ही लड़ते रहे
ये तेरा मेरा कहते रहे
जाने कैसे वो लोग है जो रोज
हमारी खातिर मरते रहे
उनके घर में भी माँ रहती
उनके घर में भी बच्चे है
कभी जाकर उनके घरों को देखो
उनके घर भी हम जैसे है
होली में ख़ुशी मानते हम
दिवाली में दीप जलाते है
हर दिन एक सा उनके लिए
वो..हर मौसम में जान लुटाते है
गोली की सलामी मिलती उन्हें
जय हिन्द से अच्छे बोल नही
मरने पर फूल चढ़ाते सब
जीवन का उनके मोल नही
कभी दुआं की उनकी सोचा है?
क्या दी है दुआएं जीने की?
करलो शामिल अपनों में उन्हें भी
दो उनको दुआएं जीने की
जिन्होंने… सिर्फ हमीं को सोचा है
इस मातृभूमि की सोचा है
sabhi apni soch se sahi karte hai aur humne bhi kewal apni soch ko aapse share kia hai agar kisi ki bhawnao ko thes pahuchi ho to maaf kare.
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