Menu
blogid : 25762 postid : 1373671

कांग्रेस का मोदी को “नीच इन्सान” व राहूल को “डार्लिग” कहना

विचार प्रवाह
विचार प्रवाह
  • 10 Posts
  • 1 Comment

Praveen Gugnani guni.pra@gmail.com 9425002270
कांग्रेस का मोदी को “नीच इन्सान” व राहूल को “डार्लिग” कहना
भारतीय राजनीति में इन दिनों कांग्रेस द्वारा कुछ छुद्र, हीन व जहरीले शब्द चलाए जा रहे हैं जो कि राजनीति के मूल चरित्र व मूल कार्यों के अध्ययन की आवश्यकता का संकेत करते हैं. कांग्रेस के थिंक टैंक, नीति निर्धारक व स्टार प्रचारक कहलाये जाने वाले मणिशंकर अय्यर का मोदी जी को “नीच इंसान” जैसे भीषण शब्द से संबोधित करना भी इस विषैले अध्याय का अंत नहीं लगता है. विश्व प्रसिद्द राजनीति शास्त्री रूसो ने राजनीति के चार प्रमुख कार्य बताएं हैं. विचार प्रक्रिया को आगे बढ़ाना, अव्यवस्थाओं को दूर करना, व्यवस्थाओं की स्थापना व निर्णय प्रक्रियाओं की सतत समीक्षा व उनका संवर्धन करना. स्वयं को भारत की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कहने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चाहे जो कर रही हो किंतु रूसो के बताये इन चारों मूल राजनैतिक कार्यों के तो आसपास भी नहीं दिख रही है. राजनीति की उच्च परम्पराओं व विचारों की स्थापना को तो छोड़िये, कांग्रेस के विचार विहीन हो जाने की स्थिति सामने दिखाई पड़ने लगी है. यह विचारणीय प्रश्न है कि सौ से अधिक वर्षों से राजनीति कर रही कांग्रेस में आखिर ऐसे कौन से जीवाणु व रोगाणु प्रवेश कर गए जिनसे कांग्रेस को ऐसा वैचारिक पक्षाघात का सामना करना पड़ रहा है. सत्ता विहीन कांग्रेस का रूप तो भारतीय राजनीति ने पहले भी देखा है किंतु वर्तमान कांग्रेस का स्वरूप तो गांधी जी की कांग्रेस से कहीं से कही तक मेल नहीं खाता है. गांधी जी ने सत्य कल्पना ही की थी कि स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विसर्जन न होना भारतीय लोकतंत्र हेतु एक ख़तरा ही रहेगा.
पिछले मात्र पांच वर्षों में कांग्रेस ने जो सबसे उल्लेखनीय, एतिहासिक किंतु कुत्सित कार्य किये हैं उनमे से महत्वपूर्ण है – नरेंद्र दामोदर दास मोदी को मौत का सौदागर, चायवाला, गधा, गंदी नाली का कीड़ा व नीच आदमी कहने का कार्य करना. वस्तुतः कांग्रेस मोदी से परेशान नहीं है, वह परेशान है पूर्ण रूपेण100 % राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सांस्कृतिक व राजनैतिक उत्पाद “नमो” से व उस तत्व से जो नमो को व्यक्ति से संस्था बना रहा है. मोदी का व्यक्ति से बढ़कर एक विचार बनते जाने की तेज होती प्रक्रिया को कांग्रेस समझ रही है इसीलिए वह इतनी खीझ, तिलमिलाहट व छटपटाहट में है. कांग्रेस के शातिर नेताओं को पता है कि यदि मोदी एक विचार के रूप में परिवर्तित होने का यह क्रम चलते रहा तो भारतीय समूची भारतीय राजनीति की दिशा, दशा ही बदल जायेगी और एक विदेशी महिला के 19 वर्षीय अध्यक्षीय काल में परजीवी व कालबाह्य हो गई कांग्रेस अपने अस्तित्व को भी खो देगी. कांग्रेस छटपटा रही है किसी भी तरह मोदी को नष्ट भ्रष्ट करने हेतु क्योंकि उसे पता है कि मोदी यदि अभी बच गए तो उनकी छवि भंजन में ही कांग्रेस की यह पीढ़ी और अगली पीढ़ी निकल जाने वाली है. कांग्रेस यह भी जानती है कि मोदी का छवि भंजन कार्य बड़ा ही दुश्वार या असंभव होगा क्योंकि व्यक्ति का तो छवि भंजन संभव है किंतु विचार का नहीं. इस छटपटाहट में कभी सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण में लौह पुरुष वल्लभभाई पटेल के सहयोग व उनके वहां जाने का विरोध करने वाली नेहरु की कांग्रेस आज स्वयं सोमनाथ मंदिर की परिक्रमा करती दिखलाई पड़ रही है. भाजपा की सतत राष्ट्रीय बढ़त सत्ता की पिपासा ने उस कांग्रेस को “राम राम” जपने पर मजबूर कर दिया है जो कांग्रेस श्रीराम के व्यक्तित्व को व श्री रामायण को एक कपोल कथा कहने का हलफनामा न्यायालय में दे रही थी. मुस्लिमों के वोटों के लालच में, शाहबानों प्रकरण में देश के संवैधानिक ढाँचे से छेड़ छाड़ करने वाले राजीव गांधी के पुत्र व गांधी परिवार व कांग्रेस के नए उत्तराधिकारी राहूल गांधी जनेऊ पहने फैशन शो व कैट वाक कर रहे हैं.
पिछले दिनों एक और उल्लेखनीय घटना हुई कि अपनी पुस्तक “ द टरबुलेंट इयर्स” लिखने वाले, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से कांग्रेस अध्यक्ष पद हेतु राहुल गांधी का तिलक करवाया गया. प्रणब मुखर्जी ने इंदिरा जी की असमय मृत्यु के पश्चात कांग्रेस अध्यक्ष बनने व प्रधानमंत्री बनने के समय अपनी वरिष्ठता की अनदेखी किये जाने की वेदना को “द टरबुलेंट इयर्स” में भली भांति प्रकट किया है. और दूसरी घटना में कांग्रेस की निवृत्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह से राहुल गांधी को कांग्रेस का “डार्लिग” कहलवाया. अपने दस वर्षीय शासन काल में विश्व के वृहत्तम भ्रष्टाचारों व भ्रष्टाचारियों को सरंक्षण देने वाले मनमोहन सिंह का राहुल गांधी को “कांग्रेस का डार्लिंग” कहना स्वतंत्रता पूर्व की कांग्रेस के कई महान अध्यायों को छलनी व चीर चीर कर गया. आज यह कहने में किसी को भी कोई संकोच नहीं होगा राहुल को “डार्लिग” और नरेंद्र मोदी को “नीच इंसान” कहते समय कांग्रेस ने वैसा ही उगला है जैसा पालन पोषण उसे इटली में जन्मी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने आँचल में उसे पिछले 19 वर्षों में दिया है. नेहरु व इंदिरा गांधी के अपेक्षाकृत छोटे छोटे कांग्रेस के अध्यक्षीय काल के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद पर 19 वर्षों की दीर्घ अवधि तक एक विदेशी महिला सोनिया गांधी की जीवन भर की एक मात्र योग्यता व एक मात्र उपलब्धि यही है कि वह दिवंगत राजीव गांधी की पत्नी है. यह भी उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी की भी आज एकमात्र योग्यता सोनिया के पुत्र होने मात्र की ही है.
मणिशंकर अय्यर ने जब कहा था की नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री कभी नहीं बन सकते हैं अलबत्ता वे दिल्ली में / संसद में चाय बेचने अवश्य आ सकते हैं तब भी कांग्रेस ने इस “चायवाला” शब्द का खूब आनंद उठाया था और इस शब्द को दोहरा दोहरा कर फूली नहीं समा रही थी. आज भी कांग्रेस वही है और योजनापूर्वक मोदी को “नीच इंसान” कहलवा कर मोदी की सतत-निरंतर बनती व विशाल हो रही छवि प्रतिमा को हथोड़ी चलाकर चोटिल करने का प्रयास कर रही है और बड़ी चतुराई से मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस से निलंबित कर हज को जाने का प्रयास सभी कर रही है. भारतीय जनमानस के समक्ष कांग्रेस का यह नौ सौ चूहे खाकर हज को जाना अर्थात मणिशंकर से मोदी जी को “नीच इंसान” कहलवा कर पार्टी से निलंबित करना एक नौटंकी ही साबित होगा यह कांग्रेसी भी जानते हैं. कांग्रेस ने सब कुछ जान बुझकर इसलिए करवाया क्योंकि वह जानती है कि अय्यर आयेंगे जायेंगे किंतु शब्द सदा जीवित रहेंगे. किंतु इस बार शब्दों का जीवित रहना ही कांग्रेस को भारी पड़ेगा. भारतीय राजनीति में कांग्रेस के दिए ये शब्द “मौत का सौदागर” “चायवाला” “गंदी नाली का कीड़ा” और अब “नीच इंसान” एक नया इतिहास लिखेंगे. भारतीय वांग्मय में उल्लेखित है कि शब्द ही ब्रह्म है, शब्द के नाद से “नाद ब्रह्म” की उत्पत्ति की भी बड़ी दीर्घ व अर्थपूर्ण व्याख्या की गई है. भारतीय वैदिक मान्यताओं के अनुसार शीघ्र ही इस “नाद ब्रह्म” का प्रभाव अपने विस्तृत व वामन रूप में दिखलाई देगा.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh